अटल प्रोग्रेस वे का मार्ग बदलने से किसानों में आक्रोश

भिण्ड आगमन के समय मुख्यमंत्री को देंगे ज्ञापन

भिण्ड, 01 फरवरी। भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नमो नारायण दीक्षित ने बताया कि सन 2009-10 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक हमारे देश की उपजाऊ जमीन लगभग 12 लाख 91 हजार कम हो गई है, जो गैर कृषि कार्यों के लिए अधिकृत कर ली गई है, हमारे देश की जनसंख्या बढ़ती जा रही है, आज लगभग एक अरब 44 करोड़ से अधिक हो गई है, यदि उपजाऊ जमीन कम होती गई तो हमारे देश में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जाएगा, इसलिए सरकार को गैर कृषि उद्योगों के लिए सिंचित बहुत हसली कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगानी चाहिए।
किसान संघ की जिला बैठक में किसानों के आक्रोश का समर्थन करते हुए कहा कि चंबल संभाग के किसानों को सरकार ने बड़े-बड़े सपने दिखाए थे, चंबल घाटी में बंदूकों की धन-धन आती गोलियों की आवाज की जगह विकास की अविरल धारा बहेगी, लेकिन यह सब मुंगेरीलाल के सपनों की तरह ध्वस्त हो गई, क्योंकि बड़े-बड़े उद्योग बयानों में लगेंगे, बेरोजगारी दूर हो गई, लेकिन अटल प्रोग्रेस वे का रास्ता अब चंबल के पेड़ होते ना होकर किसानों की उपजाऊ जमीन से निकलेगा।
संभागीय मंत्री लक्ष्मण सिंह नरवरिया ने कहा कि दूधगढ़ से लेकर बरही तक लगभग 64 किमी के क्षेत्र में अधिकतर लघु एवं सीमांत किसान हैं, यह जमीन भी सरकार अटल प्रोग्रेस में के नाम पर जबरन सुनाना चाहती है, सरकार कहती है कि हम चंबल के बीहड़ों में जुनी जमीन देंगे, किसान इस तत्पर तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि सरकार हमारी जमीन का जो बाजार मूल्य है, उसका दुगना मुआवजा सरकार दे, किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि सरकार विकास के नाम पर किसानों को भूमिहीन बनाना चाहती है, इसलिए किसान अपनी एक इंच जमीन भी नहीं देंगे। सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों को कितना बड़ा आंदोलन क्यों नहीं करना पड़े जबरदस्त आंदोलन करेंगे। बैठक में गंभीर सिंह चौहान, संभाग अध्यक्ष रमेशबाबू चौधरी, संभाग उपाध्यक्ष अजमेर सिंह राजावत, महिला संयोजक श्रीमती मनोरमा थापक, जिला उपाध्यक्ष हाकिम सिंह यादव, जिला मंत्री बृजेश चौधरी, रंजीत दुबे, ओम सिंह बघेल, दीनदयाल यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।