दहेज में कार न मिलने पर पत्नी को प्रताडि़त करने वाले पति को दो वर्ष का कारावास

 न्यायालय ने पांच हजार का जुर्माना भी लगाया

सागर, 01 फरवरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर सुश्री आयुषी उपाध्याय की अदालत ने दहेज में कार न मिलने पर पत्नी को प्रताडि़त करने वाले आरोपी पति अभिषेक साहू को दोषी करार देते हुए धारा 498ए भादंवि के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने पुलिस अधीक्षक सागर को आवेदन प्रस्तुत किया था, जो महिला थाना सागर को जांच हेतु प्राप्त हुआ, जिसमें फरियादिया ने यह व्यक्त किया है कि उसका विवाह 11 जून 2015 को अभियुक्त अभिषेक के साथ हुआ था। विवाह में आवेदिका के माता-पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दान दहेज दिया था। किन्तु विवाह के पश्चात से ही अभियुक्तगण कम दहेज के लिए ताना देने लगे एवं आई-10 कार की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर अभियुक्त अभिषेक शराब पीकर आता था और फरियादिया के साथ मारपीट करता था एवं अभिषेक के माता-पिता व भाई-बहन उसे दहेज व कार मांगने के लिए उकसाते थे। छह अगस्त 2015 को फरियादिया के माता-पिता जब उसकी ससुराल आए तो उनसे भी दहेज की मांग की गई एवं फरियादिया का समस्त स्त्रीधन छीनकर उसे भगा दिया गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर महिला थाना सागर द्वारा धारा 498ए, 406 भादंवि एवं धारा-3, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने बहस के दौरान मामले में सशक्त रूप से अपना पक्ष रखा व न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत कर मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला-सागर सुश्री आयुषी उपाध्याय के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।