नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 27 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी मोतीलाल अहिरवार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(स), सहपठित धारा 6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं आठ हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 366 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री के पिता ने थाना मकरोनिया में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 19 अक्टूबर 2019 के दोपहर एक बजे की बात है, वह अपने मकान का काम करवा रहा था, उसकी पत्नी कपड़े धोने गई थी, छोटा लड़का स्कूल व बड़ा लड़का टेक्सी लेकर गया था। जब वह करीब दो बजे काम करने के बाद वापस घर पहुंचा तो अभियोक्त्री घर पर नहीं मिली, उसने अपने पड़ोसी से अभियोक्त्री के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई जानकारी न होना बताया। उसने अभियोक्त्री को अपने भतीजे के यहां जाकर देखा वहां भी नहीं मिली, न उसके बारे में कोई जानकारी मिली। इसके अलावा उसने आस-पास एवं अपनी साली के यहां व अपने पैत्रिक गांव में पता लगाया, किंतु अभियोक्त्री का कोई पता नहीं चला। अभियोक्त्री फोन चलाना नहीं जानती, न ही उसके पास फोन है। वह घटना के पहले अकेले कभी बाहर नहीं गई एवं अभियोक्त्री का हुलिया दर्शित करते हुए शंका व्यक्त की गई कि उसकी लड़की अभियोक्त्री को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 363, 366, 376(3), 376(2)(एन) एवं पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 5(एल)/6 व 3/4(2) का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया एवं विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।