पिता के रूप में ईश्वर हमारे पास होता है

लोकतंत्र सेनानी डॉ. रामकृष्ण सिंह जादौन की स्मृति में उजास काव्यांजलि आयोजित

भिण्ड, 19 दिसम्बर। लोकतंत्र सेनानी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी चिकित्सक डॉ. रामकृष्ण सिंह जादौन अहरौलीघाट की पुण्यतिथि पर रविवार की शाम को देवनगर कॉलोनी भिण्ड में उजास काव्यांजलि का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एडवोकेट वीरेन्द्र जैन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन लेखक कवि डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने किया। प्रारंभ में डॉ. रामकृष्ण सिंह जादौन के पुत्र विक्रम सिंह जादौन, एडवोकेट महेन्द्र सिंह जादौन तथा शत्रुघन सिंह जादौन सहित उपस्थित जनों ने पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात शिवशंकर सिंह भदौरिया हजूरी, इमरान अली और ब्रजमोहन सिंह भदौरिया किशूपुरा ने डॉ. जादौन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि वीरेन्द्र जैन ने कविता पाठ करते हुए कहा कि बूढ़े मां बाप को अनाथालय में डाल रखा। बेटे और बहू ने कुत्ता पाल रखा है। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में शहर के काव्य मनीषियों ने कविता के माध्यम से डॉ. जादौन को भावपुष्प अर्पित किए। आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह ने सरस्वती वंदना के उपरांत ‘चंबल क्षेत्र हमारौ, लगत हमें प्रानन सें प्यारौÓ गीत सुनाया। किशोरीलाल बादल ने कहा कि जमाने में रहे जीवित वही सत्कर्म होता है। आशुतोष शर्मा नंदू ने घनाक्षरी सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। चन्द्रशेखर कटारे ने पुष्पवाटिका प्रसंग को छंद के माध्यम से प्रस्तुत करते हुआ कहा कि अब उपमा कछु और दिखे नहिं, सीय समान है सीय दुलारी। मुकेश शर्मा ने गीत पढ़ते हुए कहा कि पिता की छांव में संसार का आनंद मिलता है। डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला भिण्ड ने गीत के माध्यम से श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वो चाहे सूक्ष्म हो स्थूल हो विश्वास होता है। पिता के रूप में ईश्वर हमारे पास होता है। अंत में विक्रम सिंह जादौन ने आभार व्यक्त किया।