झारखण्ड स्थित पारसनाथ तीर्थ स्थल को पार्यटन स्थल में तब्दील करने के फैसले से असहमत
भिण्ड, 11 दिसम्बर। भिण्ड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के फूफ नगर में जैन समाज ने सरकार द्वारा झारखण्ड स्थित पारसनाथ तीर्थ स्थल को पार्यटक स्थल घोषित करने से असहमत होने पर विरोध दर्ज करते हुए सर्वसहमति से बाजार बंद कर भारी संख्या में पूरे नगर में मौन रैली निकाली।
झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखण्ड में गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन सास्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर इसको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना क्र.2795 ई. बिना जैन समाज के सुझाव से जारी कर दिया है। जिसमें जैन समाज ने देशभर में चल रहे सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के समर्थन में फूफ के जैन समाज ने नायब तहसीलदार संदीप गौर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में जैन समाज द्वारा मांगे रखी गई कि पाश्र्वनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन/ धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए तथा इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग तीर्थ माना जाता है, तीर्थराज की पहचान और स्वतंत्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र.2795 ई को रद्द किया जाए एवं पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस मदिरा में बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए तथा पर्वतराज की बंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए एवं सामान की जांच हेतु सीआरपीएफ की चेकपोस्ट और सीसीटीवी कैमरे तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए और वहां पर हो रही पेड़ों की अवैध कटाई, पत्थर का खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंध किया जाए। इन सभी मांगों को रखते हुए फूफ में जैन समाज ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, झारखण्ड सरकार, केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री के नाम नायब तहसीलदार संदीप गौर को ज्ञापन दिया।
रैली तथा ज्ञापन देने में फूफ नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष संतोष शर्मा, वार्ड 12 के पार्षद राकेश राजावत, गौरक्षा प्रमुख विशंभर सिंह भदौरिया, राजेश दुबे एवं फूफ का समस्त जैन समाज मौजूद रहा।