भ्रष्टाचार करने वाले चार अधिकारियों को तीन-तीन वर्ष का कारावास

डबरा (भितरवार) के वन मण्डल पर क्षेत्र के अधिकारियों ने फर्जी वाउचर प्रस्तुत कर किया था भ्रष्टाचार एवं आपराधिक षड्यंत्र

ग्वालियर, 29 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) ग्वालियर श्री आदित्य रावत के न्यायालय ने डबरा (भितरवार) जिला ग्वालियर के वन मण्डल पर क्षेत्र में आपराधिक षड्यंत्र एवं फर्जी वाउचर प्रस्तुत कर भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितताओं करने वाले आरोपीगण टीएन भारद्वाज वन क्षेत्रपाल, विनोद कुमार श्रीवास्ताव वनसेवक, रमेश चन्द्रन शर्मा वनपाल एवं राजेन्द्रव शर्मा वनसेवक को आईपीसी की धारा 120बी में दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 420 में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं चार हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 468 में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं चार हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 471 में दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)डी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहीं जिला अभियोजन अधिकारी लोकयुक्त संभाग ग्वालियर श्रीमती राखी सिंह ने घटना के बारे में बताया कि वन मण्डल वानकी परिक्षेत्र में वर्ष 1996-97 में विकास कार्यों (खड्डा खोदने, बाउण्ड्रीवाल बनाने, पेड़ लगाने जैसे विकास कार्य) में आरोपियों द्वारा अपराधिक षड्यंत्र करते हुए एक राय होकर फर्जी वाउचर प्रस्तुत कर भुगतान प्राप्त कर अपने पद का दुरुपयोग किया। उक्त शिकायत की जांच एवं अनुसंधान पूर्ण होने पर लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा आरोपीगणों के विरुद्ध अपराध क्र.14/07 के अंतर्गत धारा 120बी, 420, 468, 471 भादंवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)डी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 के तहत चालानी कार्रवाई करते हुए प्रकरण सक्षम न्यायालय 16 जून 2014 में प्रस्तुत किया था। जिसमें अभियोजन की ओर से साक्षी एवं सफल विचार उपरांत अभियोजन मामला सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय ने आरोपीगण टीएन भारद्वाज वन क्षेत्रपाल, विनोद कुमार श्रीवास्तव वनसेवक, रमेश चन्द्रन शर्मा वनपाल एवं राजेन्द्र शर्मा वनसेवक को दण्डित किया है।