ड्यूटी के दौरान गोली मारकर आरक्षक की हत्या वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास

आरक्षक की सर्विस पिस्टल व 10 राउण्ड लूटकर ले गए थे आरोपी

ग्वालियर, 26 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (मप्र डकैती एवं व्यप्रक्षे अधिनियम 1981) श्री सतीश कुमार गुप्ता के न्यायालय ने पुलिस आरक्षक की ड्यूटी पर गोली मारकर हत्या एवं लूट करने वाले आरोपीगण बंटी उर्फ सतेन्द्र और अजीत किरार को धारा 394, 397 भादंवि, सहपठित धारा 13 एमपीडीपीके एक्ट में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 302/34, सहपठित धारा 9 एमपीडीपीके एक्ट में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 25(1ख)(क) आयुध अधिनियम में तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक ग्वालियर अभिषेक मेहरोत्रा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 12 नवंबर 2014 को थाना महाराजपुरा के पुलिस फोर्स की वाहन चैकिंग ड्यूटी डीडी नगर चौराहे पर शाम छह बजे से रात 10 बजे के बीच लगाई गई थी। जिसमें आरक्षक वीकेश भी ड्यूटी पर था, तभी महाराजा कॉम्प्लेक्स के पास मोटर साइकिल से आए आरोपीगण ने उसके सिर में गोली मार दी और उसकी लोडेड सर्विस पिस्टल व 10 राउण्ड लूटकर ले गए। वीकेश के साथ ड्यूटी कर रहे एसआई केएस अवस्थी ने अपने साथी स्टाफ के साथ घायल अवस्था में आरक्षक वीकेश को अस्पताल भेजा, जहां आरक्षक वीकेश को मृत घोषित किया गया। साक्षियों ने अखबार में छपी फोटो देखकर एक माह बाद पुलिस को बताया था कि आरोपीगण शेरा उर्फ रवि किरार, बंटी उर्फ सतेन्द्र और अजीत किरार ने आरक्षक वीकेश की हत्या करने के बाद लूट की बारदात को अंजाम दिया। उक्त आरोपियों में से आरोपी शेरा उर्फ रवि किरार पुलिस एनकाउण्टर में मारा गया एवं अन्य दो आरोपीगण को पुलिस ने गिरफ्तार किया तथा मृतक विकेश से लूटी गई सर्विस पिस्टल बरामद की। तत्पश्चात अनुसंधान पूर्ण होने पर थाना महाराजपुरा पुलिस ने आरोपीगण के विरुद्ध अपराध क्र.461/14 अंतर्गत धारा 302, 394, 397 एवं सहपठित धारा 11/13 एमपीडीपीके एवं 25/27 आम्र्स एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई करते हुए प्रकरण सक्षम न्यायालय प्रस्तुत किया। प्रकरण में अभियोजन द्वारा 35 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया, साक्षियों ने आरोपीगण की पहचान तथा उनके द्वारा घटना कारित किए जाने के तथ्य अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रमाणित किए गउ। जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित के कुशल मार्गदर्शन में उक्त वहुचर्चित जघन्य आपराधिक प्रकरण में पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक अभिषेक मैहरोत्रा ने अपने तर्कों के माध्यम से न्यायालय को विश्वास दिलाया कि आरोपीगण ने सामान्यत: आशय के अग्रशरण में आरक्षक वीकेश की हत्या कर उसकी पिस्टल लूट ली थी। अभियोजन की साक्ष्य एवं सफल विचारण उपरांत अभियोजन मामला सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय (मप्र डकैती एवं व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम) सतीश कुमार गुप्ता ने आरोपी बंटी उर्फ सतेन्द्र एवं अजीत किरार को दोषी पाते हुए उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।