सागर, 22 सितम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तहसील बण्डा, जिला सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर के न्यायालय नें दहेज की मांग करने वाले आरोपीगण यशपाल पुत्र भागीरथ अहिरवार उम्र 25 वर्ष, सियाबाई पत्नी भागीरथ उम्र 52 वर्ष एवं भागीरथ पुत्र कड़ोरी अहिरवार उम्र 55 वर्ष निवासी ग्राम बेसली, थाना विनायका, जिला सागर को न्यायालय ने धारा 498-क/34 भादंवि में दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी तहसील बण्डा ताहिर खान ने की।
मीडिया प्रभारी/ सहायक लोक अभियोजन अधिकारी जिला सागर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 15 जून 2015 को अभियोक्त्री ने इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उसकी शादी करीब तीन वर्ष पहले अभियुक्त यशपाल अहिरवार के साथ हुई थी। उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार शादी की थी। ससुराल वालों ने अभियोक्त्री के पिताजी से कुछ रुपयों की मांग की, तब उसने यह बात अपने पिता को सुनाई, फिर वह जब ससुराल गई तब अभियोक्त्री तीस हजार रुपए लेकर गई और अपनी सास-ससुर के सामने अपने पति को दिए, लेकिन कुछ दिन बाद मोटर साइकिल की मांग उसके पति और सास-ससुर ने मिलकर की, तब उसके पिता ने मोटर साइकिल देने से मना कर दिया, तभी से उसके पति, सास व ससुर ने अभियोक्त्री को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडऩा देना शुरू कर दिया। उसके ससुराल वाले रुपयों की मांग करते और आरोपी यशपाल से मारपीट करवाते थे। करीब 10-11 महीने से अभियोक्त्री मायके में रह रही है। अभियोक्त्री अपनी ससुराल रहने को गई तब दरवाजे से भीतर नहीं घुसने दिया और बोला की मोटर साइकिल लेकर आओ फिर भीतर आना। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अंतर्गत धारा 498-क/34 भादंवि दर्ज की गई। उक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान घटना स्थला का नक्शा मौका तैयार किया गया, साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, अभियुक्तगण को नोटिस देकर पाबंद किया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण यशपाल, सियाबई एवं भागीरथ को एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।