रोजगारयुक्त भारत का होगा निर्माण : सतीश कुमार

स्वदेशी जागरण मंच का उद्यमिता विकास सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 27 अगस्त। लंबे समय से देश की एक प्रमुख समस्या बेरोजगारी है, स्वदेशी जागरण मंच ने कुछ अन्य संगठनों के साथ मिलकर देश को पूर्णतय: रोजगार युक्त बनाने का संकल्प किया हैं। इस गैर-सरकारी पहल का नाम है स्वावलंबी भारत अभियान। यह बात स्वावलंबी भारत अभियान स्वदेशी जागरण मंच के अभा सह संगठक सतीश कुमार ने उद्यमिता विकास सम्मेलन के दौरान कही। इस अवसर पर सांसद संध्या राय, पूर्व विधायक चौ. मुकेश सिंह, चौ. प्रतिभा चतुर्वेदी एडवोकेट सहित अन्य पदाधिकारी मंचासीन थे।
उन्होंने बताया कि इसी वर्ष 12 जनवरी को युवा दिवस पर देश के सभी प्रांत केन्द्रों पर शुरुआत हुई है। इसके लिए हमने विकेन्द्रीकरण, सहकारिता, स्वरोजगार या उद्यमिता तथा स्वदेशी का आग्रह, चार आधारभूत मंत्र माने हैं। सभी भारतीय स्वदेशी चिंतक इसका समर्थन भी करते हैं। इसके लिए देश के सभी 739 जिलों में काम किए जाएंगे। इसके लिए हमें तीन करोड़ कॉलेज विद्यार्थी, एक हजार विश्वविद्यालय व 53 हजार कॉलेजों में सक्रियता का वातावरण तैयार करना हैं। अभी तक लगभग 1200 कार्यक्रम देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में सफलता पूर्वक संपन्न हो चुके हैं। 28 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय उद्यमिता दिवस तक देश के हर जिले में ऐसे कुल तीन हजार कार्यक्रम संपन्न हो जाएंगे।


उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत आर्थिक समूह के छह संगठन भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, लघुउद्योग भारती तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि 14 संगठन मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। इन सबके तालमेल का काम स्वदेशी जागरण मंच कर रहा हैं। देश के प्रमुख आईटी तज और जोहो कार्पोरेशन के मालिक श्रीधर वैंबू इस अभियान के प्रथम संरक्षक बने हैं। साथ ही नरेन्द्र जाधव, कनेरी मठ के स्वामी तथा अमूल के सीईओ आरएस सोढ़ी का मार्गदर्शन अभियान संरक्षकों के नाते मिला। ऐसे ही इसमें हर क्षेत्र के शीर्ष नेतृत्व को इसमें जोडऩा हैं। उन्होंने बताया कि भारत के रोजगार को ध्यान रखकर ही आगामी योजनाएं बनाई गई हंै। हमारा निष्कर्ष है कि हमें अपनी विशेषता को आंक कर उसके आधार पर आगे बढऩा है। स्वदेशी जागरण मंच ने आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव पर देशभक्त नागरिकों से आह्वान किया है कि आने वाले पांच वर्ष देश हम सब सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक संस्थान मिलजुल कर इस स्वावलंबी भारत अभियान को सफल बनाने में जुटकर बेरोजगारी को देश से हटाना है।