सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चार आरोपियों को आजीवन करावास

सागर, 30 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपीगण नरेन्द्र पुत्र अजुद्दी अहिरवार उम्र 28 वर्ष, मोतीलाल पुत्र स्व. मुन्नालाल सौर उम्र 25 वर्ष, प्रदीप पुत्र रतन सौर उम्र 33 वर्ष एवं नौनीराम पुत्र भीकम सौर उम्र 22 वर्ष निवासीगण थाना अंतर्गत केंट, जिला सागर को धारा 376(डी)(ए) भादंवि के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 323/34, 341, 506(2) में एक-एक वर्ष का कठोर कारावास व जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला सागर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि एक मार्च 2019 को अभियोक्त्री ने थाना केंट में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आज दिन के करीब 1:30 बजे वह अपने रिश्ते के नाना के साथ उनकी मोटर साइकिल पर बैठकर जा रही थी कि रास्ते में मन्दिर मिला तो दोनों लोग गाड़ी खड़ी करके दर्शन करने पैदल जाने लगे, तभी रास्ते में करीब 2:30 बजे चार अज्ञात व्यक्ति मिले। चारों व्यक्ति रास्ता रोककर खड़े हो गए और पूछने लगे की कहां जा रहे हो। तभी उनमें सेे एक व्यक्ति अभियोक्त्री का हाथ पकड़कर खींचने लगा तो अभियोक्त्री के नाना ने उसे मना किया, तो अन्य तीनों व्यक्तियों ने उसके नाना को पकड़कर कपड़े से बांध दिया एवं सभी ने कुल्हाड़ी एवं डण्डे से मारपीट की, जिससे उन्हें चोटें आईं। सभी अज्ञात व्यक्ति, अभियोक्त्री को पकड़कर जंगल में ले जाने लगे, अभियोक्त्री के विरोध करने पर आरोपीगण ने उसके साथ मारपीट की, जिसमें उसेे चोटें आईं और फिर सभी आरोपियों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना केंट में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री का मेडीकल परीक्षण कराया गया एवं अभियोक्त्री व उसके नाना के धारा 164 दंप्रसं के कथन लेखबद्ध कराए गए। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए तथा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण नरेन्द्र, मोतीलाल, प्रदीप एवं नौनीराम को धारा 376(डी)(ए) में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।