जब पुण्य का उदय होता है तभी साधु का चातुर्मास हो पाता है

आचार्य विश्रांत सागर महाराज ससंघ का हुआ मंगल प्रवेश

भिण्ड, 11 जुलाई। राष्ट्र गौरव गणाचार्य विराग सागर महाराज के परम शिष्य आचार्य विश्रांता सागर महाराज, मुनि विनिमेष सागर महाराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश इटावा रोड होते हुए परेट चौराहा, सदर बाजार, गोल मार्केट, फ्रीगंज होते हुए बताशा बाजार स्थित चैत्यालय जैन मन्दिर में हुआ। जगह-जगह सामाजिक संगठनों द्वारा पाद प्रक्षालन, आरती करते हुए जयघोष लगा रहे थे। जिसमें महिला-पुरुष, बच्चे बैण्डबाजों की धुन में भक्ति नृत्य कर रहे थे। चैत्यातलय जैन मन्दिर में पहुंचकर आचार्यश्री के चित्र का अनावरण व पाद प्रक्षालन, शास्त्रा भेंट आदि कार्यक्रम हुए।


इस अवसर पर आचार्य श्री विश्रांता सागर महाराज ने कहा कि चातुर्मास काल का समय चल रहा है, जिसमें न जाने कहां-कहां किस साधु का चातुर्मास होना है। जब पुण्य का उदय होता है तभी साधु का चातुर्मास हो पाता है। आज भिण्ड के पुण्य का समय आया है कि दो साधु का आगमन इस नगरी में हुआ है। इस अवसर पर रतनलाल जैन, रविसेन जैन, महेन्द्र जैन, अशोक महामाया, सुनील शक्कर, प्रदीप जैन, राजीव जैन, मनोज जैन, धर्मेन्द्र जैन, राकेश मंत्री, रमेश जैन, निक्कू जैन, राजेश जैन, राजू जैन, अर्पित जैन आदि उपस्थित थे।