भये प्रकट कृपाला से गुंजायमान हुआ रावतपुरा धाम,  एक लाख दीपों से जगमगा उठा पूरा परिक्षेत्र

नौ दिन चले नवसंवत्सर समारोह का समापन

भिण्ड, 10 अप्रैल। अनंत विभूषित श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार के पावन सानिध्य में रविवार को भगवान श्रीराम का भव्य जन्मोत्सव आयोजित किया गया। मुख्य राम दरबार मन्दिर में भक्तों की अपार भीड़ के मध्य प्रभु जन्म की प्रतिकृति जन्मोत्सव को देखकर पूरा आश्रम परिसर जयश्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। भये प्रकट कृपाला की अनंत आवर्ती उद्घोष से पूरा क्षेत्र हर्षित था।


अनंत विभूषित श्री रविशंकर जी महाराज स्वयं इस भव्य जन्मोत्सव के साक्षी बने। महिलाओं ने पालने में सुशोभित अवधपति के बाल रूप को अपने मंगल गीतों के साथ झुलाया। जन्मोत्सव के आनंददायक वातावरण में भक्तों की आत्मीय भागीदारी का सिलसिला दोपहर 12 बजे से देर रात्रि तक जारी रहा। इससे पूर्व श्रीराम अर्चन यज्ञ का समापन भी वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य संपन्न हुआ। पूर्णाहुति की समिधा से पूरा वातावरण सुगंधित हो उठा था। भक्तों ने यज्ञ मण्डप में ऋषि कुमारों से मंगल धागों के रूप में नौ दिन चले यज्ञ का सुरक्षा कवच अपनी कलाईयों पर बंधवाए। कोरोना प्रतिबंध के चलते दो वर्ष तक सार्वजनिक आयोजन न होने के कारण इस खुले आयोजन को लेकर भक्तों में अलग ही उत्साह देखा जा सकता था। राम जन्मोत्सव में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान समेत बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

हजारों भक्तों ने पाई प्रसादी

रामार्चन यज्ञ की समाप्ति के बाद आश्रम के अन्न क्षेत्र में विशाल भण्डारा दोपहर 12 से आरंभ होकर देर रात तक निर्बाध रूप से चलता रहा। हजारों की संख्या में लोगों ने इस भण्डारे में प्रसादी का पुण्यलाभ अर्जित किया। भण्डारे के लिए बूंदी, मालपुआ और सब्जियां इतनी बड़ी मात्रा में निर्मित की गई थी कि उनका भण्डारण बड़ी-बड़ी ट्रालियां में करना पड़ा। आश्रम में अध्ययनरत बटुकों ने भण्डारे में आए भक्तों को प्रसादी वितरण का जिम्मा संभाल रखा था। इनके अलावा आश्रम क्षेत्र से सटे गांवों से भी बड़ी संख्या में आए स्वयं सेवक भण्डारे की व्यवस्था में सहयोग करते नजर आए। इस भण्डारे की खास बात यह भी थी कि भक्त और व्यवस्थापक समान रूप से स्वच्छता का विशेष अनुपालन कर रहे थे।

एक लाख दीपों से जगमगाया आश्रम

सूर्यास्त के तत्काल बाद आश्रम एक लाख दीपों के प्राकृतिक प्रकाश से जगमगा उठा। स्वयं अनंत विभूषित महाराज ने दीप प्रज्वलित कर इस दीप पर्व का शुभारंभ किया। मुख्य हनुमानजी मन्दिर के अलावा श्रीराम दरबार, पुष्कर सरोवर, शिव प्रतिमा समेत आश्रम के कोने-कोने में प्रज्वलित दीप अंधेरे को अपनी अपरिमित प्रकाश शक्ति से परास्त करते नजर आए। दीवाली की तरह जगमग आश्रम परिक्षेत्र में एक अलग ही छटा के दर्शन इस दीप पर्व से निर्मित नजर आया। भक्तों ने प्रभु राम के जन्मोत्सव से जुड़े मंगल गीत गाये। रामचरित मानस की चौपाइयों से सामूहिक स्वर इस आयोजन को राममयी बनाने वाले थे।