ग्वालियर, 16 मई। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ग्वालियर शाखा की युवा परिवार सेवा समिति द्वारा एबी रोड मोती झील स्थित शिवशक्ति नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में बोध (नशा उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत ‘संकल्प क्विट करो’ कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों एवं जागरुकता पूर्ण, प्रेरणादायक विचारों द्वारा उपस्थित जनों तक ‘नशा को न कहें’ का संदेश दिया।
कार्यशाला में बताया गया कि विभिन्न गतिविधियों एवं विचारों के माध्यम से युवाओं ने वर्तमान में समाज के अंदर मानव को किस तरह नशा करने की आदत लग जाती है, फलस्वरूप नशे से ग्रसित व्यक्ति अनेक बीमारियां, बेरोजगारी, पारिवारिक कलह इत्यादि परेशानियों से जूझता है। जिससे वह परिवार,समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में बाधक बन जाता है। देश की वर्तमान स्थिति को धर्म ही बदलेगा और बदल भी रहा है। इसके लिए आत्मविश्वास पैदा करने व अंदर की शक्ति को जगाने की जरुरत है। समाज में फैल रही नशे की समस्या पर रोक लगाने के लिए तथा जनमानस का सही मार्गदर्शन करने के लिए संस्थान के संस्थापक व संचालक आशुतोष महाराज ने बोध नामक नशा उन्मूलन कार्यक्रम को प्रारंभ किया। जिसके तहत ब्रह्मज्ञान के अमोघ अस्त्र के द्वारा हजारों लोग नशा मुक्त हो चुके हैं।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का नशीली दवाओं के दुरुपयोग उन्मूलन कार्यक्रम बोध, विशेष रूप से युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर लगातार काम कर रहा है, जिसमें रैलियों, नुक्कड नाटक, रोड शो और प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं जैसे सूचना शिक्षा और संचार उपकरणों का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, रोकथाम की अवधारणा का सख्ती से समर्थन करने से नशीली दवाओं की लत छुडाने के लिए किए जाने वाले महंगे उपचारों का देश पर वित्तीय बोझ भी कम हो जाता है। कार्यक्रम में नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक प्रशांत यादव, दिनेश तोमर एवं दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान से वॉलंटियर दीपक, सुनील, रामकृष्ण, अभिषेक तथा सुभाष त्रिपाठी उपस्थिति रहे।