दंदरौआ धाम में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन
भिण्ड, 14 जुलाई। मनुष्य का मरते वक्त जिस चीज का ध्यान करता है, वह उसी को प्राप्त करता है। मनुष्य का मन जिस चीज में लग जाता है, भगवान वही चीज मनुष्य को देता है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर मंहत श्री रामदास महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान पं. रामस्वरूप शास्त्री ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि ब्रह्माजी ने गाय को इसलिए बनाया था कि माता-बहनें भगवान को कहां ढूंढने जाएंगी, तो ब्रह्मा जी ने गाय में सभी भगवान को स्थापित कर दिया। इसीलिए माता-बहनें पहले भोजन तैयार करते समय पहली रोटी गाय लिए निकालती थीं। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। पिता की आज्ञा का पालन करने से मनुष्य को धर्म की प्राप्ति होती है। भागवत कथा का समय दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक है तथा सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस अवसर पर रामबरन पुजारी, जलज त्रिपाठी, प्राचार्य भोलाराम शर्मा, अंबरीश आचार्य, पवन शास्त्री, नरसी दद्दा, मिच्चू बाबा सहित अनेक श्रृद्धालुजन उपस्थित रहे।