भागवत कथा को आत्मसात करने से होगा उद्धार : शास्त्री

अटेर क्षेत्र के ग्राम पाली में श्रीमद् भागवत कथा में हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 28 नवम्बर। अटेर जनपद के पाली गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पं. रामनिवास शास्त्री ने प्रवचन करते हुए कहा कि सत्कर्म और ईश्वर की भक्ति से ही मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
उन्होंने कहा कि केवल भागवत कथा श्रवण करने से ही मनुष्य का उद्धार नहीं हो सकता, हमें उसे जीवन में आत्मसात करना पड़ेगा। कथा श्रवण के बाद उसका मनन व चिंतन बहुत जरूरी है। धर्म तो अपने आप में महान है, लेकिन हम धर्म संगत करें, अच्छे कर्म करें, तो हमारे अच्छे कर्म की हर ओर जय जयकार होगी। अच्छे कर्म और ईश्वर की भक्ति उसे इस जन्म मरण के चक्कर से मुक्ति दिलाएगी। रविवार को कपिल मुनि चरित्र, ध्रुव चरित्र, अजामिल चरित्र आदि कथाओं पर प्रकाश डाला गया। कथा में आसपास के कई गांवों के श्रोतागण भारी संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ ले रहे हैं। सोमवार को प्रहलाद चरित्र, नृसिंह अवतार सहित भगवान के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया जाएगा जिसमें कथा वाचक एवं कथा आयोजक परिवार ने अधिक संख्या में भक्तजनों को उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने का आह्वान किया है।