भरत मिलाप देख श्रद्धालुओं की आंखों से निकले आंसू

भिण्ड, 25 सितम्बर। लहार नगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खेड़ापति हनुमान महाराज के प्रांगण में चल रही रामलीला मंचन के दौरान प्रथम आरती मण्डल अध्यक्ष भाजपा मछण्ड दीपक सिंह राजावत ने प्रभु के चरणों में समर्पित की। इस मौके पर समिति के कोषाध्यक्ष संजीव चौधरी द्वारा उनका सम्मान किया।
आयोजित रामलीला में प्रभु रामचंद्र के भरत मिलाप के संवाद में मुख्य रूप से राम और भरत के बीच हुए संवाद का बड़ा ही सुंदर अभिनय हुआ। जिसमें भरत राम से क्षमा याचना करते हैं और उन्हें अयोध्या लौटने का आग्रह करते है। राम अपने पिता को दिए गए वचन के कारण अयोध्या लौटने से मना करते हैं और भरत को प्रजा की सेवा के लिए कहते हैं। इसके बाद भरत अपने बड़े भाई राम की चरण पादुकाएँ लेकर अयोध्या लौट जाते हैं और उनको राज सिंहासन पर रखकर सेवक के रूप में राज करते हैं। भरत राम के सामने गिरकर क्षमा मांगते हैं और कहते हैं कि उनकी माता कैकेयी के कारण ही ऐसी विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई है। वह राम से कहते हैं कि वह उनके चरणों में अपनी शरण में आ गए हैं और उन्हें अयोध्या का राज्य संभाल कर उनका उद्धार करना चाहिए। राम ने भरत से कहा कि उन्होंने अपने पिता से 14 वर्ष का वनवास पूरा करने का वचन दिया है और उन्हें उस वचन का पालन करना ही होगा। उसके बाद महाराज भरत प्रभु राम की चरण पादुकाओं को अपने सिर पर धारण करते हैं और अयोध्या लौट जाते हैं, भरत चरण पादुकाओं को अयोध्या के राजसिंहासन पर रखते हैं और खुद चटाई बिछाकर सन्यासी की तरह जीवन व्यतीत करते हैं, साथ ही राजपाट भी संभालते हैं। यह संवाद भाइयों के बीच असीम प्रेम और भ्रातृत्व की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
इसमें भरत की भूमिका में मुकेश द्विवेदी काथा एवं प्रभु राम की भूमिका में संतोष महाराज बरौद नजर आए, वहीं हरिबल्लभ शास्त्री बच्चन महाराज के मुखारबिंद से सुंदर चौपाइयों के गायन ने भक्तों का मन मोह लिया एवं रामसिया लला की कलाओं को देखकर लोगों का मन उत्साह से भर गया। इस मौके पर समिति उपाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष भाजपा लहार सुभाष अग्निहोत्री ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से आग्रह किया कि अधिक से अधिक संख्या में रामलीला अभिनय देख कलाकारों का मनौवल बढ़ाएं एवं खेड़ापति हनुमान सरकार से आशीर्वाद प्राप्त करें।