चन्द्र देव को श्राप मुक्त कर भगवान शिव कहलाए सोमनाथ : शास्त्री

भिण्ड, 29 जुलाई। मेहगांव नगर के प्राचीन खेडापति हनुमान दरबार पर आयोजित 21 दिवसीय शिव महापुराण कथा के 19वे दिवस कथा व्यास आचार्य आशीष शास्त्री ने 12 ज्योतिर्लिंग की कथा श्रवण कराते हुए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा बताई कि पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दक्ष ने चंद्रमा को श्राप दिया था, जिसके कारण उनकी चमक कम हो गई थी। चंद्रमा ने भगवान शिव की आराधना की और शिवजी ने उन्हें श्राप से मुक्ति दी। इसके बाद चंद्रमा ने भगवान शिव से उसी स्थान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान होने की प्रार्थना की और भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में अवतरित हुए और सोमनाथ कहलाए। इसी अनुसार नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा बताते हुए कहा कि प्राचीन काल में दारुका नामक एक राक्षस ने भगवान शिव की तपस्या कर वरदान प्राप्त किया था कि वह दारुका वन में जा सकती है, जहां कई दैवीय औषधियां थीं। उसने उस वन में उत्पात मचाया और सुप्रिया नामक शिव भक्त को बंदी बना लिया। सुप्रिया ने भगवान शिव की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और राक्षस दारुका का वध किया और नागेश्वर महादेव कहलाए। कथा स्थल पर मन्दिर के महंत 1008 शांतिदास महाराज के साथ धांधू बाबा, सुट्टू बाबा, गुड्डू बाबा, फक्कड बाबा आदि संतों के साथ गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।