ग्वालियर, 02 जून। नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने सीवर एवं जलप्रदाय के कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया की जलप्रदाय एवं सीवर की समस्या का त्वरित निराकरण हो इसके लिए अधिकारी तत्परता से कार्य कराएं और जो भी इस कार्य में लापरवाही करे उसके खिलाफ प्रस्ताव बनाकर उस पर कार्रवाई कराएं। जलविहार स्थित बैठक कक्ष में आयोजित बैठक में कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता, आरके शुक्ला, आरके राव, सहायक यंत्री एपीएस भदौरिया, प्रवीण दीक्षित, महेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, केसी अग्रवाल, रामसेवक शाक्य, शालिनी सिंह एवं नोडल अधिकारी सीवर लल्लन सेंगर सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
निगम आयुक्त संघ प्रिय ने चंबल से पानी लाने के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए चल रहे कार्य के बारे में जानकारी ली तथा निर्देश दिए कि कार्य समयसीमा में हो जिससे आमनागरिकों की पानी की समस्या का स्थाई निदान हो सके, इसके लिए जो भी प्रस्ताव, अनुमति एवं टेन्डर आदि करना है उसमें कतई लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही जहां भी लाइन डालते जहां भी डालते जाएं वहां तत्काल लाइन की टेस्टिंग उपरांत रोड रेस्टोरेशन का कार्य भी पूर्ण करते जाएं। इसके पश्चात नलकूप खनन एवं टेंकर द्वारा जलप्रदाय के टेण्डर प्रक्रिया की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा कहा कि कार्य की आवश्यकता को देखते हुए टेन्डर समय पर कर लिए जाएं अन्यथा आवश्यकता समाप्त होने पर टेण्डर खुलें तो उनकी उपयोगिता नहीं रहती है। समीक्षा के दौरान निगमायुक्त संघ प्रिय ने निर्देश दिए सभी टंकियां समय पर भरें तथा नागरिकों को पानी मिले इसके लिए गंभीरता से कार्य करें। साथ ही अमृत 2 में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी लेकर निर्देश दिए कि इसमें सभी संबंधित अधिकारी आपस में चर्चा कर यह सुनिश्चित करें कि कहीं कोई बडा कार्य छूट न जाएं। इसके पश्चात सीवर संधारण के टेण्डर प्रक्रिया की प्रगति जानी तथा निर्देश दिए कि सभी टेण्डर तत्काल लगाएं, आगामी सप्ताह में टेण्डर आवश्यक रुप से लग जाएं। बैठक में निगमायुक्त संघ प्रिय ने निर्देश दिए कि 15वें वित्त के तहत कराए गए कार्यों की जानकारी दें तथा यह सुनिश्चित करें कि जहां भी लाइन डालने का कार्य हो वहां रोड रेस्टोरेशन उसी समय हो जाए। वहीं जलकर वसूली को लेकर जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए कि 22-23 तक जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा नहीं किए गए हैं उनकी जानकारी दें जिससे उन पर कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही अन्य बिन्दुओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।