नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा

तीन सहआरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास

ग्वालियर, 04 अप्रैल। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश, (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर श्रीमती वन्दना राज पाण्डेय की अदालत ने नाबालिग अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी अब्दुल सत्तार उर्फ लंगडा शाह उम्र 40 साल, निवासी ग्राम मौ थाना के पीछे जिला भिण्ड, हाल शंकरपुर नई बस्ती बहोड़ापुर जिला-ग्वालियर को धारा 376(1) भादंसं में 20 वर्ष कठोर कारावास एवं धारा 366 भादंसं में तीन वर्ष कठोर कारवास, 500-500 रुपए अर्थदण्ड तथा आरोपीगण शमशाद शाह उम्र 46 साल निवासी राधाकृष्ण मन्दिर की गली जिला-भिण्ड, रुकसार खान पत्नी कासिम खान उम्र 30 साल निवासी ग्राम बरा पुरानी छावनी जिला-ग्वालियर, तनु उर्फ तनवीर पिता शहीद खान उम्र 27 साल निवासी नई बस्ती शंकरपुर थाना बहोड़ापुर जिला-ग्वालियर को धारा 366/34 में तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा के अनुसार अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडि़ता के पिता ने 16 मई 2022 को थाने आकर दोपहर करीब 4 बजे शिकायत की थी कि उसकी बेटी पीडि़ता उम्र 15 के साथ उसकी बड़ी लडक़ी जो कि उसके मोहल्ले में ही रहती है के घर गया था, फिर थोड़ी देर बाद उसकी लडक़ी घर जाने की बोलकर वहां से चली गई थी। फिर जब वह घर पहुंचा तो उसकी पत्नी ने उसे बताया था कि पीडि़ता घर नहीं आई फिर उसने सभी जगह उसकी लडक़ी की तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चला। पीडि़ता के पिता ने पीडि़ता का हुलिया भी रिपोर्ट में दर्ज कराया था। उसे शंका है कि उसकी लडक़ी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर कर ले गया है। पीडि़ता के पिता के मौखिक रिपोर्ट के आधार पर थाना बहोडापुर के अपराध क्र.341/2022 दर्ज किया गया तथा गुमइंसान क्र.48/2022 भी दर्ज की गई है। पीडि़ता को 28 मई 2022 को मोरवी फैक्ट्री से दस्तयाब किया गया। जिसमें अपने कथन में अब्दुल सत्तार उर्फ लंगड़ा और शेष अभियुक्त तनु, रुकसार एवं शमशाद द्वारा ऑटो में डालकर ले जाना और अभियुक्त सत्तार द्वारा मोरवी फैक्ट्री में दुष्कर्म करना बताया। उक्त घटना के की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोजग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को सजा सुनाई है।