लहार में विकास का पतन और प्रशासन का शर्मनाक समर्पण : डॉ. सिंह

-पत्रकार वार्ता में पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने अवैध रेत उत्खनन एवं खाद को लेकर प्रशासन पर लगाए आरोप

भिण्ड, 12 नवम्बर। लहार विधानसभा क्षेत्र को अराजकता के हवाले कर दिया गया है, जहां विकास कार्य पूरी तरह ध्वस्त हैं और प्रशासनिक तंत्र ने गुंडों के सामने घुटने टेक दिए हैं। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 2 वर्षों से लहार विधानसभा में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। कांग्रेस के कार्यकाल में जिन सड़कों को स्वीकृति मिली थी, उन परियोजनाओं को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है। यह आरोप लहार के पूर्व विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पत्रकार वार्ता में लगाए। इस मौके पर रणवीर सिंह भदौरिया, रामहर्ष सिंह कुशवाह, मनोज दैपुरिया, राहुल सिंह कुशवाह आदि मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि सड़कों का ठेका लेने वाली एजेंसियों के ठेकेदार आज खुलेआम पीटे जा रहे हैं और लूटे जा रहे हैं। यह प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है, जो एक शर्मनाक आपराधिक कृत्य है। ठेकेदारों को काम शुरू करने से पहले 10 लाख से 20 लाख रुपए तक की अवैध चढ़ौती देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जब पीड़ित ठेकेदार नामजद अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने थाने जाते हैं, तो पुलिस जानबूझकर अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज करती है। यह आपराधिक तत्वों को प्रशासन की मौन सहमति है। काम करने वाली जिन एजेंसियों के लोगों की बर्बरतापूर्ण पिटाई हुई, उन्हें जिला प्रशासन अभी तक न्याय क्यों नहीं दे पाया?
डॉ. गोविन्द सिंह ने ने जिले में अवैध रेत उत्खनन पर जिला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले में रेत माफिया बेखौफ होकर प्राकृतिक संपदा की चोरी कर रहे हैं, और इस खुली लूट के लिए पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग, और राजस्व विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने तत्काल प्रभाव से इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की मिलीभगत से लहार मार्केटिंग सोसायटी से 24,000 से अधिक बोरियों की खाद की ब्लैक मार्केटिंग कर दी गई है। एक तरफ किसानों को उनकी ज़रूरत के समय खाद नहीं मिल रही है, वे खाद के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ किसानों को लाठियां मारी जा रही हैं। डॉ. सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इन सभी गंभीर मामलों में शामिल दोषी अधिकारियों और कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है, तो बहुत जल्द कांग्रेस पार्टी जिला प्रशासन के सामने एक बड़ा धरना-प्रदर्शन करेगी।
कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष रामशेष बघेल ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में अवैध उत्खनन बेरोकटोक जारी है और प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि मंडी में धान की ट्रालियां अटकी पड़ी हैं, जिसके कारण उन्हें अपनी उपज समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।