भिण्ड, 24 मार्च। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर हनुमान चौराहे पर सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू की आम सभा चोखेलाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
सभा को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान ने कहा कि आप लोगों ने बडी गर्मजोशी से स्वागत किया, इसलिए हम यह नहीं कह रहे कि हमने कोई अहसान नहीं किया है, आपका हक अधिकार दिलाकर यह तो हमारा कर्तव्य है और ऐसी कोई मुद्रा नहीं बनी जो हम लोगों को खरीद सके, इसलिए यह लडाई की जीत संभव हो सकी है। दो करोड लोगों को रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार अगर अपनी कही बात का पालन करती तो अभी तक 20 करोड लोगों को रोजगार मिल जाता, अगर यह होता तो बेरोजगारी दूर होती तो न्यूनतम वेतन का अधिकार हासिल करने में इतनी कठिनाई नहीं होती। 1956 में शिमला में भारतीय श्रम सम्मेलन हुआ, जिसमें यह तय किया गया कि स्वस्थ रहने के लिए 27 हजार कैलोरी पोषण आहार मिलना चाहिए। इसलिए 1948 में न्यूनतम वेतन अधिनियम पारित किया गया, जब से हर 5 वर्ष बाद वेतन निर्धारण होना चाहिए, लेकिन अभी जो 2019 में होना चाहिए था वह 2024 में किया गया और अक्टूबर 2024 का अभी भी पेंडिंग है और यह कहा जा रहा है कि वेतन अधिक है। जबकि आज से 6 वर्ष पूर्व सरकार ने यह स्वीकार किया कि वेतन कम से कम 18 हजार रुपए होना चाहिए। जबकि केन्द्रीय कर्मचारी और राज्य कर्मचारी तथा औद्योगिक कर्मचारियों आउटसोर्स कर्मचारी के लिए बाजार एक ही भाव पर सामान उपलब्ध कराता है, तो फिर वेतन में दोहरे मापदण्ड क्यों अपने जाते हैं और न्यूनतम वेतन अधिनियम जब लागू नहीं किया जाता तो हम लोग आंदोलन करके हडताल करके अपने अधिकार पाना चाहते हैं तो उनको भी प्रतिबंधित करना चाहती है। सरकार उसे पर भी पाबंदी श्रमिकों को हडताल को प्रतिबंधित करना चाहती है, उसमें हडताल, जुर्माना और सजा का प्रावधान करना चाहती है और नुकसान की भरपाई श्रमिकों से करने का प्रावधान लाना चाहती है, श्रमिकों को गुलाम बनाने वाली नीतियां लागू की जा रही हैं, फिक्स टर्म प्रधानमंत्री अप्रेंटिस योजना तथा श्रम कानून को खत्म कर चार लेबर कोड लागू करना चाहती है। जिसको लेकर 20 मई को एक दिन की पूरे देश भर में हडताल रहेगी।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी ने कहा कि आज भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर हमको यह प्रण लेना चाहिए कि गुलाम बनाने वाली नीतियों को हम लागू नहीं होने देंगे और पूरी ताकत के साथ जन विरोधी नीतियों का मुकाबला किया जाएगा। अभी जब श्रम कानून है तब तो पालन नहीं किया जा रहा, अगर खत्म हो गए तो जीना मुश्किल हो जाएगा, इसी तरह की मजदूर विरोधी नीतियों, प्रस्ताव के विरोध में भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंका था, उसी भगत सिंह के सपनों को साकार करने के बजाए मजदूर विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है।
सभा को नरेन्द्र सिंह सेंगर, हरगोविंद जाटव ने भी संबोधित किया। संचालन देवेंद्र कुमार शर्मा ने किया। सभा में श्रीलाल माहौर, वीरेन्द्र सिंह कुशवाह, नारायण शर्मा, उदय सिंह श्रीवास, रामगोपाल बाल्मीकि, लायकराम कुशवाह, रिंकू गुर्जर, छोटेलाल माहौर, विजय सिंह, रामबरन सिंह, राजाराम, हरीसिंह, भारती, विमला, लक्ष्मी, रामनरेश, सतीश गौर, हेमसिंह, सुरेन्द्र यादव आदि उपस्थित रहे।