सागर, 28 फरवरी। अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) जिला सागर प्रशांत कुमार की अदालत नेे जिला अस्पताल सागर से बच्चा चोरी करने वाली आरोपिया को भादंवि की धारा 363 एवं 365 के तहत पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी में लोक अभियोजक दीपक कुमार जैन ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी रामबाबू ने दो जून 2024 को सुबह 8:30 बजे जिला चिकित्सालय सागर के महिला वार्ड से केयर टेकर को जानकारी दी कि उसकी पत्नी रूबी अहिरवार 29 मई 2024 को गर्भवती अवस्था में महिला वार्ड/ डफरिन अस्पताल सागर में प्रसव हेतु भर्ती हुई तथा उसी रात्रि में उसकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया था, आज सुबह वे सभी वार्ड के बाहर बैठे थे, वार्ड में उसकी पत्नी व नवजात शिशु थे, वार्ड की सफाई होने के बाद जैसे ही वह अंदर पहुंचा तो उसकी पत्नी ने उसे जानकारी दी कि सांवले रंग की महिला उससे बच्चे को यह कहकर लेकर गई है कि बच्चे को उसकी दादी ने बुलाया है, वह महिला हरे रंग का सूट तथा ऑरेंज कलर का पेटीकोट पहने है, आंखों में नजर का चश्मा लगाए हुए है, फिर उसने अपनी मां से पूछा तो बच्चा नहीं मिला। अस्पताल के कर्मचारी की सूचना पर वार्ड में ही देेहाती नालिसी अज्ञात महिला के विरुद्ध धारा 363, 366, 370 भादंवि तथा गुमइंसान भी पंजीबद्ध की गई। गुम इंसान के जांच में बस स्टैण्ड तिली सागर से अपहृत बालक को महिला की हुलिया के आधार पर दस्तयाब किया गया तथा बच्चे को सुपुर्दगी पर उसके पिता को दिया गया, अभियुक्त महिला संगीता से पूछताछ की गई, जेल में फरियादिया से आरोपिया की शिनाख्ती कराई गई, जिला अस्पताल के सीसीटीव्ही की फुटेज भी जब्त की गई। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। थाना गोपालगंज पुलिस द्वारा धारा 363, 366, 370 भादंसं के अंतर्गत आरोपिया संगीता विश्वकर्मा के विरुद्ध विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण उपरांत अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) प्रशांत कुमार के न्यायालय ने आरोपिया को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।