शाजापुर, 29 मई। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम) एवं प्रथम अपर जिला न्यायालय के प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश जिला शाजापुर की अदालत ने हत्या के मामले में आरोपी गीताबाई पत्नी मेहरबान सिंह बागरी उम्र 35 वर्ष, शिवनारायण उर्फ शिवलाल पुत्र मांगीलाल मालवीय उम्र 32 वर्ष, मंसूर खान पुत्र लतिफ खान उम्र 50 वर्ष निवासीगण ग्राम सुनेरा बल्डी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1500-1500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुश्री प्रेमलता सोलंकी एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर रमेश सोलंकी ने की।
उपसंचालक अभियोजन प्रेमलता सोलंकी ने घटना की जानकारी देते बताया कि 20 दिसंबर 2018 को ग्राम तिंगजपुर मोचीखेड़ी रोड पर फरीद खान के खेत की मेढ़ पर मेहरबान पुत्र कचरूलाल बागरी निवासी सुनेरा बल्डी की लाश खेत में पड़ी मिली थी। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पाया कि मृतक की पत्नी गीताबाई के अवैध संबंध आरोपी मंसूर खां से थे। गीताबाई ने मंसूर खान के साथ षडयंत्र रचकर 19 दिसंबर 2018 को विवाह में अपने पति के साथ जा रही है और उसे अपने हिसाब से देख लेने की सूचना दी। इस पर आरोपी मंसूर खान ने अपने दोस्त शिवनारायण के साथ मिलकर मोटर साइकिल से मृतक मेहरबान को ले जाकर पहले शराब पिलाई, तत्पश्चात गला दबाकर हत्या कर घटना स्थल पर फेंक दिया। थाना सलसलाई पर आरोपीगण के विरुद्ध धारा 302, 201, 120 भादंवि एवं 3(2)व्ही एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाद विवेचना अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया है।