मानवता सबसे बड़ा धर्म है, घर-घर में है जरूरत सदभावना की : विहर्ष सागर

ग्वालियर, 28 अगस्त। मानव जीवन को चलाने के लिए धर्म और धन दोनों की जरूरत पड़ती है। व्यक्ति दिन-रात धन कमाने की सोचता रहता है, लेकिन धर्म करने के लिए कुछ ही समय निकाल पाता है। मानवता को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है। आज पारिवारिक बिखराव की वजह आपसी सद्भावना का अभाव है, जो व्यक्ति के जीवन में सबसे आवश्यक है। यह विचार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागर महाराज ने शनिवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर मंच मुनि श्री विजयेश सागर महाराज, मुनि श्री विनिबोध सागर महाराज व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज मौजूद थे।
मुनि श्री विहर्ष सागर महाराज ने सरल शब्दों में धर्म को समझाते हुए कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। सद्भावना के अभाव में परिवार में बिखराव होता जा रहा है। आज बेटी के लिए ऐसे घर में रिश्ता ढूंढा जाता है जहां लड़का अकेला और सर्विस वाला हो। सास बहू को बेटी कहती तो है लेकिन मानती नहीं है। वहीं बेटी सास को मां कहती तो है लेकिन मानती नहीं है। सास बहू, पिता-पुत्र, भाई-भाई और पति-पत्नी के बीच में दोस्त के जैसा रिश्ता होना चाहिए। जब तक रिश्तो में दोस्ती का अभाव होगा तब तक वैमनस्यता रहेगी।

दोस्ती में अमीर-गरीब का भेद नहीं होना चाहिए

मुनिश्री ने कहा की दोस्ती में अमीर गरीब का भेद नहीं देखना चाहिए। जिस तरह तीन खण्ड के अधिपति नारायण श्रीकृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा के प्रति जो सद्भावना दिखाई थी वैसी सद्भावना की जरूरत सभी के जीवन में है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के अंदर भगवान बनने, मोक्ष जाने के गुण मौजूद हैं। ना जाने पिछले कितने जीवन में यह आत्मा जन्म लेकर अमीर गरीब, जीव जंतु, बनती रही है। स्वर्ग-नर्क, निगोद में जाती रही है। जन्म जन्मांतर के भटकाव से मुक्ति का एकमात्र मार्ग मानव जीवन में धर्म के जरिए अर्जित किया जा सकता है। इसलिए मनुष्य जन्म में धर्म मार्ग के जरिए मुक्ति की राह पकडऩे के इस दुर्लभ अवसर को हाथ से नहीं जाने दे। इसी में हम सब का प्राणी मात्र का कल्याण है।

दीप प्रज्वलन व मंगल चरण से हुआ धर्मसभा का शुभारंभ

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि धर्मसभा का शुभारंभ ब्रह्मचारिणी प्रियंका दीदी ने मंगल चरण कर किया। भगवान पाश्र्वनाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित पं. चंदप्रकाश जैन, प्रकाशचंद जैन व समाज जनों ने सामूहिक किया। इस मौके मुनि श्री विहर्ष सागर के चरणों में समिति के पं. सुनील भंडारी, विनय कासलीवाल, अनिल जैन, सचिव आशीष जैन, संजीव जैन, पंकज बाकलीवाल, संजय जैन, मिखिल जैन सहित समाज जनों ने श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया। मुनिश्री के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाल में होते हंै।