हमारी संस्कृति में पशु-पक्षी और पेड़-पौधों को देवता माना जाता है : शर्मा

शा. महाविद्यालय मेहगांव की रासेयो इकाई शिविर का तीसरा दिन

भिण्ड, 05 जनवरी। शासकीय महाविद्यालय मेहगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा शीतकालीन सात दिवसीय शिविर के तीसरे दिन गुरुवार को परियोजना कार्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए नुक्कड़ नाटक द्वारा आम नागरिकों को जागरुक करते हुए संदेश दिया गया। बौद्धिक सत्र में मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य एवं समाजसेवी हरिश्चन्द्र शर्मा रहे, उन्होंने सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन कर माल्यार्पण कराया।
मुख्य अतिथि हरिश्चन्द्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में सभी छात्राओं को प्राकृतिक संरक्षण के लिए अनेक पौराणिक एवं वास्तविक उदाहरण द्वारा सभी छात्रों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि प्रकृति को नुकसान पहुंचाकर या नष्ट करके मानव जाति का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि हमारी संस्कृति में पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की पूजा कर उन्हें देवता माना जाता है। प्रकृति का सबसे ज्यादा दोहन पाश्चात्य संस्कृति से हो रहा है। पर्यावरण संरक्षण की समस्या भारत की ही नहीं, पूरे विश्व की समस्या है, इसलिए अन्य देशों को भारत पर पूरा भरोसा है कि वह इस समस्या को काफी हल तक खत्म कर सकता है।
प्रो. राधाकृष्ण शर्मा ने भी अपने उद्बोधन से छात्राओं को लाभान्वित किया। सात दिवसीय शिविर का आयोजन प्राचार्य आरके डबरिया के निर्देशन में रासेयो की कार्यक्रम अधिकारी गिरिजा नरवरिया द्वारा किया जा रहा है। मंच संचालन सावित्रीबाई समूह ने किया। कार्यक्रम में प्रो. डॉ. रेखा सुमन, प्रो. वंदना श्रीवास्तव, प्रो. आलोक मिश्रा, प्रो. अंबुजा गुप्ता, प्रो. दुर्गेश गुप्ता, डॉ. साधना सिंह आदि का सहयोग प्राप्त रहा है।