बालक के साथ गलत हरकत करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

ग्वालियर, 03 दिसम्बर। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं त्रयोदशम अपर सत्र न्यायाधीश जिला ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय में विशेष प्रकरण क्र.141/2019 धारा 377, 506 भादंवि एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत विचाराधीन था। उक्त प्रकरण में न्यायालय ने धारा 363 भादंवि एवं धारा 5(एम), सहपठित धारा 6 पाक्सो एक्ट में अभियुक्त अनिल बाथम को क्रमश: पांच वर्ष एवं 10 वर्ष के सश्रम कारवास एवं कुल 1500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार मिश्रा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी (बालक के पिता) ने पुलिस थाना मुरार पर उपस्थित होकर लेखीय आवेदन पेश किया कि 27 दिसंबर 2018 को उसके लड़के (पीडि़त बालक) को अभियुक्त अनिल ने पपड़ी लेने के बहाने बुलाया था, तो बालक अभियुक्त के साथ चला गया था। चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी पत्नी दौड़कर घर के बगल वाली गली में पहुंची तो उसके लड़के को अभियुक्त अनिल अश्लील हालत में गोद में बिठाकर गलत काम कर रहा था। बालक की माता ने बालक को अभियुक्त से छुड़ाया, तभी अभियुक्त अनिल भाग गया था। उक्त सारी बात उसे उसकी पत्नी ने बताई। तब उसने अपने लड़के (पीडि़त बालक) से पूछा तो बालक रोने लगा और बताया कि दस महिने पहले से अभियुक्त अनिल उसे खेलते समय चुपचाप बुलाकर जच्चा खाने के पीछे अंधेरे में अपनी एक्टिवा पर बिठाकर ले जाता था, वहीं पर गलत काम करता था और डराता था कि यदि किसी को बताया कि मम्मी-पापा को जान से खत्म कर देगा। अभियुक्त ने पीडि़त बालक के साथ एक महिने पहले भी गलत काम किया था। फरियादी द्वारा की गई रिपोर्ट के आधार पर मुरार थाना पुलिस ने अपराध क्र.833/2018 पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना उपरांत पीडि़त बालक एवं साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर बाद चिकित्सीय परीक्षण, नक्शा मौका बनाया जाकर अभियुक्त को गिरफ्तार कर संकलित प्रदर्शों को क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला प्रेषित करने के उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।