रिश्वत की मांग करने वाले भ्रष्ट पटवारी को चार वर्ष की सजा

न्यायालय ने आरोपी पटवारी पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया

शाजापुर, 03 दिसम्बर। विशेष न्यायालय भ्रष्टााचार निवारण अधिनियम जिला शाजापुर श्रीमती नीतूकांता वर्मा की अदालत ने रिश्वत की मांग करने वाले आरोपी जमील खान पटवारी हल्का नं.17 जहांगीरपुरा, तहसील बड़ौद, जिला आगर मालवा को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माना तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)बी, सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला शाजापुर सचिन रायकवार ने की।
अभियोजन शाजापुर के जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी जमील खान ने 15/ मई 2018 के पश्चात पटवारी हल्का नं.17 जहांगीरपुरा, तहसील बड़ौद, जिला आगर मालवा मप्र में लोक सेवक के पद पटवारी पर पदस्थ रहते हुए आवेदक शंभुसिंह से तथा उसकी माता कचरूबाई की ग्राम जहांगीरपुरा स्थित 10 बीघा जमीन सर्वे क्र.75/1/2.00 एवं चार बीघा जमीन सर्वे क्र.75/2/083 के सीमांकान करने हेतु नौ हजार रुपए रिश्वत की मांग की एवं उक्त कृषि भूमि का मई माह के अंतिम सप्ताह में सीमांकन करते समय पांच हजार रुपए की राशि प्राप्त की, तत्पश्चात 15 जून 2018 व 18 जून 2018 को सीमांकन की रिर्पोट प्रदाय हेतु चार हजार रुपए रिश्वत की मांग की। 19 जून 2018 को दोपहर 12:30 बजे से 12:50 बजे के मध्य शासकीय पटवारी कार्यालय तहसील बड़ौद के पीछे बड़ौद में आवेदक शंभुसिंह से तीन हजार रुपए रिश्वत राशि प्राप्त की। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया। न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार ने लिखित में अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दण्डित किया है। प्रकरण में ट्रेप कार्रवाई बंसत श्रीवास्तव, निरीक्षक विपुस्थ लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा की गई थी।