बालिका को अगवा कर गलत काम करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर 12 हजार का जुर्माना भी लगाया

रायसेन, 30 नवम्बर। विशेष न्यायालय एडीजे बरेली, जिला रायसेन श्री सुधांशु सक्सेना की अदालत ने अवयस्क बालिका को अगवा कर गलत काम करने के मामले में आरोपी नीलेश उर्फ आशीष पुत्र गरीबदास अहिरवार उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम चुन्हैटिया, तहसील सिलवानी को साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 12 हजार रुपए के जुर्माना से दण्डित किया है। साथ ही अभियोक्त्री को तीन लाख रुपए पीडि़त प्रतिकार भी स्वीकृत किया गया है। प्रकरण में में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार नागा एवं अपर लोक अभियोजक नरेन्द्र सिंह राजपूत ने संयुक्त रूप से की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि पीडि़त बालिका की दादी ने थाने में इस आशय की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि 21 दिसंबर 2018 को रात्रि करीब 10 बजे चुन्हैटिया का रहने वाला नीलेश घर आया था, ठण्ड व रात होने से उसे घर पर रोक लिया, दूसरे दिन सुबह आठ बजे नीलेश अपनी मोटर साइकिल से चला गया और मैं अपने पोता और पोती (पीडि़त बालिका) को लेकर छींद मन्दिर चली गई, जब मैं छींद मन्दिर से दर्शन कर लौट रही थी तभी रास्ते में नीलेश मिला और दोनों बच्चों को अपनी मोटर साइकिल पर बैठा कर खैरवाड़ा छोडऩे का बोलकर ले गया, घर पहुंचने पर देखा कि बच्चे घर पर नहीं थे, नीलेश बच्चों को बहला फुसलाकर अपने साथ कहीं ले गया था। उक्त रिपोर्ट पर थाना बरेली पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्र.590/2018 धारा 363, 366 भादंवि पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान 24 दिसंबर 2018 को दोनों बच्चों को ग्राम हथोड़ा में खेत से दस्तयाब किया। पीडि़त बालिका ने बताया कि नीलेश ने उसके साथ गलत काम किया है, इसलिए पीडि़त बालिका के मेडिकल परीक्षण एवं कथनानुसार धारा 376(1), 323 भादंवि एवं 3/4, 5(एम)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का इजाफा किया गया। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु शासन द्वारा चिन्हित किया गया। विशेष न्यायालय ्रएडीजे बरेली ने आरोपी नीलेश उर्फ आशीष अहिरवार को धारा 363, 366 भादंवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 376(एए) मप्र संशोधन आध्यादेश 2018 व 376(आई) भादंवि में आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।