महिला से छेडख़ानी करने वाले दो आरोपी को तीन-तीन वर्ष कारावास

सागर, 21 नवम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तहसील बण्डा, जिला सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर की अदालत ने महिला से छेड़छाड़ करने वाले आरोपीगण रतन सिंह एवं खेतसिंह को दोषी करार देते हुए धारा 354/34 भादंसं में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 354-ख/34 के तहत तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ताहिर खान ने की।
मीडिया प्रभारी जिला लोक अभियोजन सागर के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना बण्डा में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह ग्राम मुड़ारी बुजुर्ग की रहने वाली है, उसकी ससुराल ग्राम पिपरोधा में है, वह 25 जून 2017 को लगभग रात्रि नौ बजे अपने बड़े भाई संतोष लोधी के साथ ससुराल से मायके मुड़ारी बुजुर्ग बस से आ रही थी और तिंसी चौराहा में बस से उतर कर भाई के साथ चौराहा में खड़ी थी, तभी गांव के रतन लोधी और खेतसिंह लोधी आए और संतोष से बोले कि फरियादिया को उनकी मोटर साइकिल पर बैठा दो, तो संतोष ने फरियादिया को मोटर साइकिल में बैठा दिया, तब रतन लोधी मोटर साइकिल आगे चलकर ततरवारा रोड पर ले जाने लगा, जिससे फरियादिया मोटर साइकिल से कूद गई और वह भागने लगी, तब रतन ने मोटर साइकिल खड़ी करके उसे दौड़कर पकड़ लिया और बुरी नियत से उससे झूमा झटकी की, जिससे वह गिर गई, फिर वह छूटकर भागी तो पास में बने धर्मेन्द्र लोधी के घर पहुंच गई, तब रतन बोल रहा था कि यदि किसी को यह बात बताई तो जान से खत्म कर देगा। खेतसिंह भी बोल रहा था कि इसके साथ गलत काम करना है, झूमा झटकी एवं गिरने से उसकी दोनों कुहनी और बांए पैर के घुटने के पास एवं पुट्ठे में चोट लगी। पूरी घटना धर्मेन्द्र के घर वालों को बताई, बाद में संतोष, वीरेन्द्र, हल्लू आ गए थे जिन्हें घटना बताई। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बण्डा पुलिस ने धारा 294, 354, 506, 34 भादंसं का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तहसील बण्डा की अदालत ने दोषी करार देते हुए दोनों आरोपियों को धारा 354/34 भादंसं में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 354-ख/34 में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।