सिमी के दो आतंकी को तिहरा आजीवन कारावास एवं दो को 10-10 वर्ष की सजा

आतंकियों को लगभग नौ वर्ष बाद किया गया दण्डित

भोपाल, 16 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश (एनआईए) भोपाल श्री रघुवीर पटेल के न्यायालय ने सिमी के चार आतंकी जिनमें उमेर दण्डोती एवं मोहम्मद सादिक को धारा 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, धारा 16 विधि विरुद्ध क्रियाकलाप  निवारण अधिनियम के अंतर्गत तिहरे आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा अबु फलज को धारा 307, 468 भादंवि, 25/27 आम्र्स एक्ट में 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, इरफान नागौरी को धारा 307 भादंवि, 25/27 आम्र्स एक्ट में 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजकगण राजेन्द्र उपाध्याय, निरेन्द्र शर्मा एवं विक्रम सिंह ने की।
जनसंपर्क अधिकारी जिला भोपाल मनोज त्रिपाठी के अनुसार घटना का संक्षिप्त में विवरण इस प्रकार है कि एक अक्टूबर 2013 को अबु फैजल व उसके साथी खण्डवा जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे। एटीएस आईजी को सूचना मिली कि खण्डवा जेल से फरार सिमी के आतंकी महाराष्ट्र और मप्र के समीपवर्ती जिले में आने वाले है। एटीएस की टीम सेंधवा पहुंची जहां पर 23-24 दिसंबर 2013 के दरम्यानी रात को अबु फैजल और इरफान नागौरी तथा खालिद अहमद की एटीएस से मुठभेड़ हुई, जिसमें तीनों ने टीम पर जानलेवा हमला किया। तीनों लोगों को पकड़ लिया गया और उनसे पिस्टल तथा कारतूस बरामद हुए। उन्होंने पूछताछ में बताया कि विस्फोटक उन्होंने सादिक निवासी सौलापुर को दे दिया है। सादिक को पकड़ा और उससे पूछताछ की तो उसने विस्फोटक का उमेर दण्डोती के पास होना बताया। उमेर दण्डोती को पकड़ा तो उससे पिस्टल, जिलेटिन रॉड, डायनामाईट बरामद हुआ। पूछताछ में उन्होंने अन्य आरोपियों का भी साथ में होना बताया। एटीएस ने नौ लोगों के विरुद्ध चालान विशेष न्यायालय (एनआईए) में पेश किया गया। अन्य आरोपी फरार थे, जिनकी पुलिस मुठभेड़ में मृत्यु हो गई थी। अभियोजन ने अपने पक्ष समर्थन में 36 साक्षियों के साक्ष्य अंकित कराए। न्यायालय ने चार आरोपियों को दोषसिद्ध तथा चार आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।