मुनिश्री के चातुर्मास के लिए निकाली भव्य मंगल प्रवेश शोभायात्रा

मंगल प्रवेश शोभायात्रा में गुरुभक्तों का उमड़ सैलाब, तीन घण्टे में पहुंची
मुनिश्री की शोभायात्रा में घोड़े, बैंड, बाग्गी, एवं ललितपुर का जयघोष बैंड हुआ सम्मिलित

ग्वालियर, 11 जुलाई। आचार्य श्री विनम्र सागर महाराज के परम शिष्य श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ससंघ का 2022 चातुर्मास के लिए दौलतगंज स्थित दिगंबर जैन मन्दिर से सोमवार को शहर में विशाल ऐतिहासिक शोभायात्रा के साथ भव्य मंगल प्रवेश आगमन हुआ। इस तीन घण्टे की मंगल प्रवेश के साक्षी सकल दिगंबर जैन समाज, साधनमय वर्षयोग समिति एवं पुलक मंच परिवार ग्वालियर सहित गुरुभक्त साक्षी बने और शोभायात्रा में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया।


जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज के चातुर्मास के भव्य मंगल प्रवेश शोभायात्रा दोलतगंज से शुरू हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे घोड़े युवा सवार थे, बग्घी में मां जिनावाणी व ध्वज लेकर बैठे थे। वहीं बैण्ड-बाजों की प्रस्तुत धार्मिक भजनों और ढोल-ताशों की धुन पर साफा बंधे महिलाएं-बालिकाएं जगह-जगह डांडिया नृत्य करते हुए चल रही थीं। महिलएं हाथों में चातुर्मास व महावीर स्वामी के संदेश लिखे हुए तख्तियां लेकर चल रही थीं, मुनिश्री के साथ पुरुष जयकारों के साथ चल रहे थे। ललितपुर से आए व्यायाम शाला के युवकों ने जयघोष बैण्ड के साथ चक्ररी, लट्ठ घुमाई के करतब दिखाए। शोभायात्रा में मुनिश्री का जगह-जगह विभिन्न समाज जनों एवं संस्थाओं ने पलक-पावड़े बिछाकर पाद प्रक्षालन कर भव्य स्वागत-वंदन किया। शोभायात्रा दौलतगंज से शुरू होकर पाटकर चौहरे, गस्त का ताजिया, नई सड़क, दानाओली, मोर बाजार, महाराज बाड़ा, चिटनिस की गोठ से माधौगंज स्थित चतुर्मास कार्यक्रम स्थल पहुंची।

पुलक मंच परिवार के 150 लोगों ने किए मुनिश्री के पाद प्रक्षालन

मंगल प्रवेश में मुनि श्री विनय सागर महाराज पाद प्रक्षालन पुलक मंच परिवार के अध्यक्ष चक्रेश जैन रेडीमेड, सचिव अजय जैन बैटरी, दिनेश जैन नेता, अशोक जैन पोली, नरेन्द्र जैन, ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन, धमेन्द्र जैन, मनोज जैन, आंनद जैन, अश्वनी जैन आदि ने किए। वहीं दिगंबर जैन सोशल ग्रुप ग्वालियर, दिगंबर जैन जागरण मंच ग्रेटर, विराग युवा संघ ने आगवानी की।

चातुर्मास में धन का नहीं धर्म का संग्रह करो : विनय सागर

 

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने माधौगंज स्थित चातुर्मास स्थल पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चातुर्मास को कभी धन के संग्रह से मत जोडऩा, चातुर्मास में धन का नहीं, धर्म का संग्रह और श्रुत की आराधना होना चाहिए। चातुर्मास श्रावक और मुनि के लिए विशेष अवसर है, साधना और प्रभावना का। श्रावक व्यापार से चित्त हटाकर धर्म ध्यान की गंगा में कंकर से तीर्थंकर बनने का पुरुषार्थ करता है। शरीर की तपन को आकाश से गिरता पानी कम करता है। मन की गर्मी को संत जिनवाणी के जल से दूर करते हैं। चातुर्मास पापों का क्षय करने और पुण्य कमाने के लिए होता है। चातुर्मास में आत्मा से परमात्मा का मिलन होता है। मुनिश्री के चरणों श्रीफल चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कमलेश जैन, चक्रेश जैन, पं. अजीत कुमार शास्त्री, अजित वरैया, चन्द्रप्रकाश जैन, सोहनलाल जैन, मनोज जैन कॉलेज, जितेन्द्र जैन, भरत जैन एवं जैन समाज की अनेकों संस्थाओं ने भेंटकर मंगल आशीर्वाद लिया। मुनिश्री की चतुर्मास कलश स्थापना 24 जुलाई को होगी।

धर्मसभा शुभारंभ इन समाज जनों ने दीप प्रज्वलित कर किया

कार्यक्रम स्थल पर श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज के सानिध्य में धर्मसभा का शुभारंभ आचार्य श्री विराग सागर महाराज के चित्र का आवरण व दीप प्रज्वलित सोहनलाल जैन, मनोज जैन परिवार ने किया। मुनिश्री के पाद प्रच्छलन चक्रेश-सीमा जैन परिवार एवं जिनवाणी भेंट नरेन्द्र जैन सोनू परिवार ने की। मंगल चरण नृत्य अनंता जैन एवं संचालन डॉ. विकास जैन ने किया। आयोजन समिति ने समाज के विद्वान पं. हुकुमचंद जैन, सुनील भंडारी एवं आतिथियों का साफा पहनाकर सम्मानित किया।