दंदरौआधाम में भागवत कथा के दौरान हो रहे प्रवचन
भिण्ड, 03 मार्च। दंदरौआ धाम मन्दिर परिसर में श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को कथा व्यास पं. पवन शास्त्री महाराज ने कृष्ण जन्म का वर्णन किया।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के बस में रहते हंै और भगवान हमेशा अपने भक्तों का ख्याल रखते हैं और जब जब संसार में पाप और अत्याचार बढ़ता है तब भगवान श्रीहरि किसी ना किसी रूप में संसार में अवतार लेकर भक्तों के संकट दूर करते हैं। शास्त्री ने कहा कि जब कंस के पाप, अत्याचार का घड़ा भर गया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया। लोगों को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। शास्त्री ने कथा के दौरान कृष्ण जन्म उत्सव पर अनेक भक्तिभाव भजन की प्रस्तुत किए। जिनमें नंद घर जन्मे कन्हैया…, कान्हा अब तो ले लो अवतार ब्रज में… में तो नंद भवन में जाऊंगी…, यशोदा जायो ललना…, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम… भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध होकर थिरकने को मजबूर हो गए।
इसी दौरान श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत श्री रामदास महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहा कि हाथ का भूषण दान है, संतों की सेवा, गायों की सेवा, देवताओं की सेवा मनुष्य को करनी चाहिए। आजकल मनुष्य मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है, जिसका परिणाम अंतत: उसे भोगना पड़ता है। मानव मानवता के लिए नहीं जी रहा है। उन्होंने कहां लिए जाती… ऐ बंधन वाले… भजन प्रस्तुत किया। इस मौके पर उमा कुमारी सेवढ़ा, पूर्व संरपच महेश कुमार मिश्रा, प्रदुम्न दुवेदी, अमित प्रताप सिह, संजय मिश्रा, जलज त्रिपाठी, राजाभैया पाल, नरसी दद्दा, मिच्चू बाबा सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।