कुश्ती हमारी भारतीय संस्कृति की मुख्य पहचान है : ओपीएस

राज्यमंत्री ओपी एस भदौरिया ने खेरिया सिंध दंगल में हुए शामिल

भिण्ड, 02 मार्च। कुश्ती प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण खेल है और हमारी भारतीय संस्कृति की मुख्य पहचान है। भारत में कुश्ती प्राचीन काल से मशहूर है, जो कि प्रारंभिक काल को मल्ला युद्ध के हाथों से मुकाबले के रूप में जाना जाता है और अब हमारी मातृ शक्ति भी महिला पहलवान के रूम में अपनी पहचान बनाए हुए है और अनेक ओलंपिक क्षेत्रों में पुरुष और महिलाएं दोनों ने दंगल की मुख्य पहचान को स्थापित किया है। यह उद्गार प्रदेश के नगरीय प्रशासन आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने ग्राम खेरियासिंध में चल रहे दंगल में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने पहलवान खिलाडिय़ों को बधाई दी।
राज्यमंत्री भदौरिया ने अखाड़े में जाकर दोनों पहलवानों का हाथ में मिलाकर दंगल की शुरुआत की और कहा कि दंगल में अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है और जो पहलवान रैफरी का काम करते हैं उनके सही और निर्णय निर्णय को भी मान करते हुए अपनी विजय प्राप्त करें। उन्होंने दंगल कमेटी के आयोजकों को भी कहा कि इस तरह के दंगल के आयोजन और अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में कराने का प्रयास करें। अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को भी बुलाकर उनका सम्मान के साथ खेल के मैदान में आने के लिए निमंत्रित करें ताकि बाहर के खिलाडिय़ों की भी कुश्ती का ज्ञान और उनके जोड़ का अनुभव भी अन्य खिलाडिय़ों को प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि भिण्ड जिले से भी अनेक पहलवानों ने मप्र से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर तक कुश्ती के क्षेत्र में नाम रोशन किया है और कई गोल्ड मेडल प्राप्त कर भिण्ड को गौरवान्वित के साथ युवाओं को आगे बढऩे का अवसर प्रदान किया है।