बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

दूसरे आरोपी को तीन वर्ष की सजा

ग्वालियर, 28 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी बॉबी पुत्र सुभाष चौधरी उम्र 28 वर्ष को धारा 366 भादवि में तीन वर्ष की सजा एवं धारा 376(2)(एन) भादवि में 10 वर्ष की सजा एवं दो हजार रुपए का जुर्माना, आरोपी सुधीर चौधरी को धारा 366 भादवि में तीन वर्ष की सजा सुनाई।
प्रकरण में अभियोजन की और से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने घटना के बारे में बताया कि फरियादी अपनी साली (अभियोक्त्री) उसके घर पर मेहमानी के लिए आई थी, अभियुक्तगण अभियोक्त्री को पहले से भी परेशान करते थे, तीन अगस्त 2014 को सुबह करीब साढ़े दस बजे अभियोक्त्री उसके घर से चाची जी के घर की कहकर चली गई थी, जिसे अभियुक्तगण बहला-फुसलाकर भगा ले गए थे, जिसका कहीं पता नहीं चला। जिसकी शिकायत थाना गोला का मन्दिर मे प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। विवेचना दौरान अभियोक्त्री को दस्तयाव कर कथन में उसने बताया कि वह अपने जीजा के यहा आयी थी, अभियुक्त सुधीर उसे मिला और उसने कहा कि तुम्हारे पिता का एक्सीडेंट हो गया है, तो उसने पूछा कहा पर हैं, तब सुधीर ने कहा कि चलो में तुम्हें पहुचा देता हूं, तो वह जल्दी-जल्दी उसके साथ चली गई, रेलवे स्टेशन पर अभियुक्त बॉबी मिला, तो सुधीर ने कहा कि इसको संभालो मैंने अपना काम कर दिया हैं, बालिका ने बॉबी से पूछा कि उसके पता कहां है। तो उसने कहा कि वो मुरैना भर्ती है तथा अभियुक्त उसे वहला फुसला कर बेहट ले गया, जहां ले जाकर उसके साथ जबरन बलात्कार किया, बॉबी ने कहा कि किसी को बताएगी तो उसकी बेइज्जती होगी और तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा। इस डर से उसने किसी को नही बताया और अनजान जगहो पर उसके साथ रही बॉबी ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया। उक्त कथन पर से थाना गोला का मन्दिर ने आरोपीगण को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।