– धर्म गुरुओं ने संभाली बाल विवाह रोकथाम की कमान
भिण्ड, 30 अप्रैल। लडकी की उम्र 18 से कम और लडके की उम्र 21 वर्ष से कम होगी तो हम लोग उसकी शादी नहीं कराएंगे, यह भारतीय कानून के अनुसार अपराध की श्रेणी में आता है। उनके अभिभावकों को सलाह दी जाएगी कि जब नियमानुसार यह उम्र पूरी हो जाए तभी शादी का कार्यक्रम आयोजित करें। यह बात शहर के जगदीश मैरिज गार्डन एमडी लॉज में सामाजिक संस्था धरती द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मौके पर मौजूद धर्म गुरुओं ने कही। पंडितों एवं काजी ने इस संबंध में शपथ भी ली।
धरती संस्था के कॉर्डिनेटर विनोद कुमार एवं रामवीर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रेन की भिण्ड जिले में कार्यरत संस्था धरती की ओर से शादी के सीजन को देखते हुए बाल विवाह की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न काराने वाले पुरोहितों एवं काजियों के बीच चलाए जा रहे इस अभियान को व्यापक सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत दण्डनीय अपराध भी है।
कॉर्डिनेटरों ने बताया कि बाल विवाह में किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। इसमें बाराती और लडकी के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरिंग, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैण्ड वाले, मैरिज हॉल के मालिक, विवाह संपन्न कराने वाले पण्डित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। इस अवसर पर पत्रकारों के अलावा शहर काजी इरफान, भंते सुगतानंद चौधि, रामधर शर्मा, अंकुर शर्मा, रविशंकर शर्मा, अवधेश पुरोहत, कृष्ण कुमार शर्मा सहित अन्य पंडित और पुरोहित मौजूद रहे।