बैंक द्वारा वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कलेक्टर से की शिकायत

भिण्ड, 17 दिसम्बर। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शाखा भिण्ड आईएफएससी कोड सीबीआई आईएन0280783 में व्याप्त वित्तीय अनियमितताओं को लेकर बृजमोहन तिवारी ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को आवेदन दिया है। आवेदन में बैंक के कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया गया कि जितने भी ऋण स्वीकृत हो रहे हैं, वे दलालों के माध्यम से नियम विरुद्ध तरीके से स्वीकृत किए जा रहे हैं। दलालों की सीधी भागीदारी शाखा प्रबंधक सुशील कुमार के साथ सीसीटीवी फुटेज में भी देखी जा सकती है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि दलालों की मिलीभगत से पूर्व से बने मकानों पर दोबारा हाउस लोन स्वीकृत किया जा रहा है, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा, सरकार की सब्सिडी योजनाओं के तहत ऋण दिए जा रहे हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में हितग्राही द्वारा कोई इकाई स्थापित नहीं की जाती। फर्जी इकाइयां दर्शाकर सब्सिडी का लाभ लिया जा रहा है। ऋण प्रक्रिया में प्रस्तुत कुटेशन एक ही पार्टी द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जो बोगस फर्म के माध्यम से बनाए गए हैं। बैंक के स्टाफ द्वारा ऋण मामलों की उचित जांच और सत्यापन नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। बृजमोहन तिवारी ने कलेक्टर से अपील की है कि शाखा प्रबंधक द्वारा स्वीकृत सभी ऋण मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया में दलालों और बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता की गहराई से जांच हो। बोगस कुटेशन और फर्जी इकाइयों की विस्तृत पडताल की जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऋण मामलों का स्टाफ सत्यापन कराया जाए, तो ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा। बैंकिंग प्रक्रियाओं में व्याप्त इस तरह की अनियमितताएं न केवल सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रही हैं, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों को उनके अधिकार से वंचित कर रही हैं। शिकायत के बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच की संभावना जताई जा रही है। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।