-उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ का आदेश, अनुराग मिश्रा ने लगाई थी याचिकाएं
रविन्द्र बौहरे
भिण्ड, 30 सितम्बर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्ड पीठ के न्यायाधिपति आनंद पाठक ने भिण्ड जिला मुख्यालय के प्रसिद्ध प्राचीन वनखण्डेश्वर महादेव मन्दिर के पुजारियों की नियुक्ति का कोई रिकार्ड न होने की दशा में उनकी नियुक्तियों को शून्य मानकर नवीन पुजारी की नियुक्ति मप्र सरकार के कानून के अनुसार करने का आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता की तरफ से उच्च न्यायालय में पैरवी एडवोकेट अभिषेक सिंह भदौरिया ने की।
गौरतलब है कि इस मन्दिर के पुजारी पद पर याचिकाकर्ता अनुराग मिश्रा के पूर्वज पीढी दर पीढी पुजारी रहे हैं। उन्होंने ही वर्तमान में मन्दिर पर अपने को पुजारी बताने वाले वीरेन्द्र कुमार उर्फ गुड्डू और राजकुमार शर्मा उर्फ राजू के खिलाफ सर्वप्रथम कलेक्टर न्यायालय में 2008/09 में अपील की थी। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर ने सख्त आदेश पारित किया था और उक्त नियुक्तियों का रिकार्ड न मिलने की दशा में एसडीएम भिण्ड को नवीन पुजारी नियुक्ति प्रक्रिया कानून के अनुसार करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ अपर आयुक्त चंबल संभाग मुरैना न्यायालय में प्रतिवादी गणों ने निगरानी प्रकरण लगाया था, उसमें पारित आदेश को अनुराग मिश्रा द्वारा रिट याचिका क्र.3076, 3077/2011 उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में लगाई गई। जिसमें पहले कमिश्नर का आदेश स्थगित किया गया। बाद में 21 फरवरी 2018 को न्यायाधिपति आनंद पाठक ने कमिश्नर के उस आदेश को निरस्त करते हुए जिलाधीश को कानून के अनुसार अपील के चलते प्रकरणों में जिलाधीश आवश्यकता समझें तो जांच करें तथा पुजारी नियुक्ति के संबंध में विधि सम्मत आदेश पारित करने के निर्देश दिए।
उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के अनुसार जिलाधीश भिण्ड ने सन 2019 में प्रकरण में जांच कर अपील का फैसला करते हुए एसडीएम भिण्ड को कानून के अनुसार पुजारी नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने का आदेश पारित किया। इस आदेश में उक्त दोनों प्रतिवादियों की नियुक्तियों को रिकार्ड उपलब्ध न होने और न ही प्रतिवादियों द्वारा पुजारी नियुक्ति संबंधी कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत न करने की दशा में इन दोनों नियुक्तियों को शून्य घोषित किया गया। जिलाधीश के इस आदेश के विरुद्ध वीरेन्द्र कुमार और राजकुमार ने अपर आयुक्त चंबल संभाग के यहां निगरानी लगाई जिसमें 28 सितंबर 2020 को अपर आयुक्त ने आदेश पारित करते हुए ये कहकर प्रकरण रिमाण्ड कर दिया कि इसमें जांच सही से नहीं हुई, इस प्रकरण के विरुद्ध अनुराग मिश्रा ने पुन: अपर आयुक्त चंबल संभाग के यहां समीक्षा याचिका प्रस्तुत की जिसको खारिज करते हुए 28 सितंबर 2020 के आदेश की पुष्टि की गई।
उक्त दोनों आदेशों के विरुद्ध प्रार्थी अनुराग मिश्रा ने उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्ड पीठ में पुन: दो याचिकाएं प्रस्तुत की। रिट याचिका क्र.6412/2022 प्रतिवादी वीरेन्द्र कुमार के विरुद्ध और रिट याचिका क्र.6413/2022 प्रतिवादी राजकुमार के विरुद्ध रही। उक्त दोनों ही रिट याचिकाओं में उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायाधिपति आनंद पाठक द्वारा 26 सितंबर 2024 को आदेश पारित करते हुए कहा गया है कि दोनों ही प्रतिवादियों की नियुक्ति का रिकार्ड नहीं है और प्रतिवादी भी नियुक्ति का कोई रिकार्ड देने में सफल नहीं हुए हैं। अत: कलेक्टर भिण्ड द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट 11 सितंबर 2009 एसडीएम ने प्रस्तुत की थी, जिसको 20 दिसंबर 2010 को कलेक्टर भिण्ड ने संज्ञान में लेकर वनखण्डेश्वर महादेव मन्दिर में पुजारी नए सिरे से नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। उसी क्रम में कलेक्टर कानून के अनुसार पुजारी पद पर नई नियुक्ति की दिशा में आगे बढं़े और सभी पक्ष इसमें शामिल किए जाएं। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा है कि आदेश की प्रमाणित प्रति प्रस्ततु करनेकी तारीख से छह सप्ताह की अवधि के भीतर शीघ्रता से यह कार्रवाई की जाए, ताकि सही तथ्य सामने आ सकें।