– केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
गुना, 14 अगस्त। केन्द्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर गुना जिले के बमोरी स्थित प्राचीन केदारनाथ मन्दिर तक जाने वाले मुख्य मार्ग से जर्जर और खतरनाक हो चुकीं चट्टानों को सुरक्षित तरीके से हटाने की मांग की है, जिससे आस्था के केन्द्र इस मन्दिर को भक्तों के दर्शनार्थ खोला जा सके।
ज्ञात हो कि गुना जिले के इस प्रसिद्ध शिव मन्दिर को जाने वाला पैदल मार्ग पिछले डेढ साल से चट्टानों के खिसकने के कारण बंद पडा है। यह प्राचीन मन्दिर गुना जिला ही नहीं अपितु आस-पास के जिलों के लोगों की आस्था का केन्द्र भी है, लेकिन विगत डेढ वर्षों से मन्दिर जाने के रास्ते का विकल्प ना होने के कारण मन्दिर के पट बंद पडे हैं। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि यह मार्ग लंबे समय से आमजन के लिए बंद है। मार्ग में स्थित विशालकाय चट्टानों की अत्यंत जर्जर स्थिति के कारण कभी भी दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा बल्कि मन्दिर की संरचना पर भी गंभीर संकट मंडरा रहा है।
जीएसआई ने क्षेत्र को ‘अत्यधिक संवेदनशील’ घोषित किया
सिंधिया ने अपने पत्र में बताया कि पूर्व में गुना प्रशासन एवं जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षण में इस क्षेत्र को ‘अत्यधिक संवेदनशील (चतुर्थ श्रेणी)’ घोषित किया गया है। उक्त सर्वे रिपोर्ट में मार्ग को तत्काल बंद करने और चट्टान गिरने की घटनाओं को रोकने हेतु सुरक्षा जाली (रॉक कैचर) लगाने की अनुशंसा की गई है।
एसडीआरएफ से भी मांगी मदद
सिंधिया ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह कार्य जिला प्रशासन के स्तर पर संभव नहीं है। इसी संदर्भ में जिलाधिकारी द्वारा 11 जुलाई 2025 को राज्य डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) को पत्र भेजकर तकनीकी एवं संसाधन संबंधी सहायता मांगी जा चुकी है।
स्थानीय आस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए सिंधिया ने कहा कि चट्टानों को सुरक्षित तरीके से हटाकर मन्दिर तक पहुंचने के लिए सुगम एवं सुरक्षित मार्ग शीघ्र बनाया जाए। इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और स्थानीय धार्मिक आस्था एवं जनभावनाओं का सम्मान भी होगा।