– पीडिताओं को 75 हजार रुपए की प्रतिकर सहायता
ग्वालियर, 16 जुलाई। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), त्रयोदशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) जिला ग्वालियर श्रीमती वंदना राज पाण्डे की अदालत ने नाबालिगा एवं उसकी बहनों से छेडखानी करने वाले आरोपी चंदन कुशवाह उम्र 22 साल निवासी ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.02/2023 धारा 354 दो बार, 354क(दो), 354ख, 341(तीन) भादंसं एवं धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट तथा धारा 3(2)(व्ही)(क), 3(1)(2)(1), 3(1)(द)(ध) एससी/ एसटी एक्ट में क्रमश: 3 वर्ष (दो बार), 2 वर्ष (दो बार), 3 वर्ष, एक माह (तीन बार), 3 वर्ष, 2 वर्ष (दो बार), 2 वर्ष (दो बार), 2 वर्ष (तीन बार), 100-100 रुपए अर्थदण्ड एवं व्यतिक्रम में एक-एक माह के सश्रम कारवास से दण्डित किया है एवं पीडिताओं को 75 हजार रुपए प्रतिकर एवं सहायता राशि प्रदान करने हेतु आदेशित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार मिश्रा के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता ने 12 दिसबंर 2022 को थाना ग्वालियर में अभियुक्त के विरुद्ध लिखित आवेदन पेश किया कि वह कोली जाति की होकर 11 दिसंबर 2022 को रात्रि 10 बजे अपनी दो छोटी बहन जिनकी उम्र 18 वर्ष एवं 16 वर्ष के साथ विक्टोरिया मार्केट फूलबाग से अपने घर आ रही थी जैसे ही वह लोग कुम्हारों का मोहल्ला में पहुंची तभी आरोपी ने रास्ता रोककर गलत नियत से उसकी छोटी बहन का हाथ पकडकर सीने के छुआ। जब उसने अभियुक्त को ऐसा करने से रोका तो उसने जातिसूचक गालियां दीं और कहा कि तेरी बहन जैसी लडकी उसके नीचे रहती है और तुझसे भी अच्छी लडकियों को वह डेली लगाता है। जब पीडिता ने उसका विरोध किया तो अभियुक्त ने उसकी टीशर्ट पकडकर खींची जिससे टीशर्ट फट गई, तीनों बहनों ने इसका विरोध किया तो वह तीनों गालियां देते हुए मारने के लिए डण्डा उठाया और जाति सूचक गालियां देते बोला कि तू यहां से चली जा, नहीं तो तुम तीनों को जान से मार दूंगा, जब वह उन्होंने कहा कि मार के दिखाओ इतने में आस पास के लोग इकट्ठा हो गए तो अभियुक्त लोगों को आता देख वहां से भाग गया। उसके बाद वह तीनों बहने घर पहुंची और घर पहुंचकर पूरी बात अपने मम्मी पापा को बताई थी, उसके बाद वह उसकी मम्मी-पापा व छोटी बहन के साथ थाने में शिकायत करने गई थी। फरियादी के लिखित आवेदन के आधार पर थाना ग्वालियर में अपराध क्र.731/2022 दर्ज कर विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया, पीडिताओं एवं उसकी माता पिता के कथन लेखबद्ध किए गए, पीडिता की जन्मतिथि के संबंध में विद्यालय से दस्तावेज जब्त किए तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया है।