रेखा ने अपने सपने बनाए हकीकत और दूसरों के लिए भी बनीं सुखद भाग्य रेखा

ग्वालियर, 16 जुलाई। रेखा ने केवल अपने सपनों को ही हकीकत नहीं बनाया है, बल्कि वे अपने जैसी अन्य महिलाओं की सुखद भाग्य रेखा बनकर उन सभी के जीवन में खुशहाली के रंग भर रही हैं। रेखा की उम्मीदों को परवान चढाने में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ने महती भूमिका निभाई है।
ग्वालियर जिले के घाटीगांव विकासखण्ड के दूरस्थ गांव धुंआ की निवासी रेखा खेमरिया बताती हैं कि मैंने बचपन से ही आत्मनिर्भर बनने की सोच रखी थी। शादी के बाद पति कप्तान सिंह खेमरिया को अपने सपने के बारे में बताया। उनसे मिले प्रोत्साहन की बदौलत मैंने सिलाई मशीन खरीदी और घाटीगांव क्षेत्र में कपडे सिलने का काम शुरू किया। मेरे द्वारा सिले गए कपडों की क्षेत्र में धीरे-धीरे मांग बढती गई। रेखा कहती हैं इसके बाद हमने अपनी दुकान खोलने की सोची। पर आर्थिक तंगी आडे आ रही थी। ऐसे विपरीत हालातों में सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने मुझे सहारा दिया।
रेखा बताती हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मुझे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की घाटीगांव शाखा से साढे 9 लाख रुपए का ऋण-अनुदान मिला। इससे हमने पांच नई सिलाई मशीन लेकर दुकान खोली। पांच अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण देकर अपनी दुकान पर रख लिया। इससे उनकी भी रोजी-रोटी चलने लगी और मेरे सपने हकीकत बन गए। रेखा एवं उनके पति कप्तान सिंह कारोबार की सफलता से गदगद होकर कहते हैं कि आज हमारी केवल सिलाई की ही दुकान नहीं है, साथ में रेडीमेड गारमेंट व जूतों की दुकान भी जुड गई है।
रेखा-कप्तान सिंह दंपत्ति के दो बेटे हैं। एक बेटा इस साल 12वीं कक्षा में और दूसरा बेटा कॉलेज में पहुंचा है। कप्तान सिंह कहते हैं कि हम पति-पत्नी ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की सोच रखी थी, वह अब हम आसानी से पूरा कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे व्यवसाय का वार्षिक टर्नओवर 30 लाख के ऊपर पहुंच गया है। हर माह 17 हजार रुपए की किस्त के रूप में हम नियमित रूप से ऋण अदायगी भी आसानी से कर पा रहे हैं। साथ ही दुकान से हुई कमाई से हमारे परिवार का जीवन स्तर बदल गया है।
मौजूदा जुलाई माह के पहले हफ्ते में ग्वालियर में आयोजित हुए समरसता सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंच से जब रेखा खेमरिया को सफल उद्यमी के रूप में सम्मानित किया तो कप्तान सिंह भावुक हो गए। वे बोले कि सरकार सही मायने में महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रही है।