किशोरी को जबरन किस करने वाले आरोपी को तीन वर्ष की सजा

– पीडिता को 25 हजार रुपए प्रतिकर सहायता

ग्वालियर, 16 जुलाई। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), त्रयोदशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) जिला ग्वालियर श्रीमती वंदना राज पाण्डे की अदालत ने नाबालिगा से छेडखानी करने वाले आरोपी रोहित उर्फ लालू उम्र 20 साल निवासी ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.138/2024 धारा 363, 354, 509 भादंसं एवं धारा 3(1)(2)(1), एससी/ एसटी एक्ट में क्रमश: 3-3 वर्ष, 2-2 वर्ष, एवं 200-200 रुपए अर्थदण्ड एवं व्यतिक्रम में एक-एक माह के सश्रम कारवास से दण्डित किया है एवं पीडिता को 25 हजार रुपए प्रतिकर एवं सहायता राशि प्रदान करने हेतु आदेशित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार मिश्रा के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता ने 19 दिसंबर 2023 को थाना कोतवाली जिला ग्वालियर में अभियुक्त के विरुद्ध आवेदन पेश किया कि उसकी उम्र 13 साल है, वह 2 महीने से कपडे की दुकान पर काम करती है। 10 दिसंबर 2023 को सुबह करीब 10:30 बजे वह दुकान से घर जा रही थी तभी चिटनिस की गोठ चौराहे पर नाश्ते की दुकान के पास पहुंची, वहां पर अभियुक्त व उसकी बहन मोटर साइकिल से आए और उसकी बहन वहां से चली गई थी, फिर अभियुक्त ने पीडिता से कहा कि उसका बर्थडे है, अपन सेलीब्रेट करने चलते हैं, फिर अभियुक्त ने उसका बुरी नियत से दाहिना हाथ पकडकर मोटर साइकिल पर बिठाया, अपने साथ होटल एप्पल इन गुढागुढी के नाका पर ले गया। जहां अभियुक्त ने उसे कॉफी पिलाई और फिर उसके गाल पर जबरदस्ती किस किया और किस करते हुए फोटो खींच लिए, उसने अभियुक्त को फोटो लेने से व उन्हें कहीं भी डालने से मना किया, उसके बाद अभियुक्त उसे तारागंज के पुल पर छोड गया और उससे बोला कि तेरे फोटो सोशल मीडिया पर डालूंगा और जातिगत गाली देकर बोला कि तू उसका कुछ नहीं बिगाड पाएगी, अगर तूने उसकी थाने में शिकायत की तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा। पीडिता के लिखित आवेदन के आधार पर थाना कोतवाली में अपराध क्र.296/2023 दर्ज कर विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शामौका बनाया, साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए, पीडिता की जन्मतिथि के संबंध में विद्यालय से दस्तावेज जब्त किए तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया है।