नाबालिग साली से दुष्कर्म करने वाले जीजा को 20 वर्ष की सजा

– न्यायालय ने अभियोक्त्री के करियर को दृष्टिगत रखते हुए चार लाख प्रतिकर देने का दिया आदेश

भोपाल, 11 जुलाई। 15वें अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश जिला भोपाल श्रीमती कुमुदिनी पटेल की अदालत ने नाबालिग साली के साथ 7 माह तक दुष्कर्म करने वाले आरोपी अनिल मोरे को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 376(2)एफ भादंवि एवं 5एन/6 पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष, धारा 376(2)एन भादंवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष, धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष, धारा 323 एवं 506 भादंवि में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं प्रत्येक धारा में 100-100 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। न्यायालय ने अभियोक्त्री के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए उसे प्रतिकर के रूप में 4 लाख रुपए प्रदान करने का आदेश भी पारित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुश्री दिव्या शुक्ला एवं श्रीमती ज्योति कुजूर ने की।
विशेष लोक अभियोजक भोपाल दिव्या शुक्ला के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 2 नवंबर 2020 को चाइल्ड लाईन भोपाल के सदस्य ने पुलिस थाना टीटी नगर को आवेदन दिया कि अभियुक्त अनिल मोरे अभियोक्त्री का सगा जीजा है, अभियुक्त ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। पीडिता ने अपने कथनों मे बताया कि वह पांच भाई बहन हैं और वह सबसे छोटी है। उसके माता-पिता नहीं हैं, मां की मृत्यु हो जाने के बाद बडे भाई ने उसको दीदी के घर रहने के लिए भेज दिया, अनिल मोरे उसके सगे जीजा है, उस समय अभियोक्त्री की आयु 11 वर्ष थी, अभियोक्त्री के आने के बाद आरोपी अनिल ने अपने माता-पिता से थोडी दूरी पर अपनी अलग झुग्गी ले ली और उसकी दीदी को अलग-अलग बंगलों पर काम पर लगा दिया था, आरोपी अनिल घर पर ही रहता था, जब दीदी काम पर जाती तो आरोपी उसके साथ जबरन दुष्कर्म करता था और धमकी देता था कि किसी को कुछ बताया तो तुझे ओर तेरी दीदी को जान से मार दूंगा, लगभग सात माह तक आरोपी अनिल मेरे साथ लगातार गलत काम करता रहा। एक दिन आरोपी अनिल मेरे साथ गलत काम करने लगा, मना करने पर उसने मुझे बहुत पीटा, जिस कारण मैं घर छोडकर चली गई और एमपी नगर में मुझे मुस्कान संस्था की दीदियां मिलीं और उनको मैंने सारी घटना की जानकारी दी। उसके बाद मुस्कान संस्था की दीदी मुझे अपने साथ ले गईं, उक्त घटना की सूचना के आधार पर टीटी नगर थाने में अपराध क्र.842/2020 धारा 376, 376(2)एन, 376(2)एफ भादंवि एवं 3/4, 5एल/6, 9/10 पॉक्सो एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संंपूर्ण विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्क, साक्ष्य, दस्तावेज से सहमत होकर आरोपी अनिल मोरे को उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।
स्पोर्टस में करियर बनाना चाहती है अभियोक्त्री
उक्त पीडित बालिका (अभियोक्त्री) वर्तमान मे फ्रिसबी की टेनिंग देने के लिए केरल राज्य में गई है, जहां पर वह बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य कर रही है। अभियोक्त्री ने 12वी कक्षा की परीक्षा 60 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की है और पढाई जारी रखकर स्पोर्टस में अपना कैरियर बनाना चाहती है। उसके भविष्य को देखकर न्यायालय ने प्रतिकर के रूप में 4 लाख रुपए प्रदान करने का आदेश पारित किया गया है।