– पीडिता के माता-पिता को दो लाख रुपए की प्रतिकर सहायता
ग्वालियर, 04 जुलाई। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालका का संरक्ष अधिनियम) एवं त्रयोदशम् जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) जिला ग्वालियर श्रीमती वंदना राज पाण्डे की अदालत ने नाबालिग अभियोक्त्री से दुष्कर्म करने वाले आरोपी जीजा को सत्र प्रकरण क्र.75/2023 धारा 376 (2एन), 376(3), 376 (2एफ), 506 (भाग-दो) भादंसं एवं धारा 3/4(2), 5(एल), 5(एन)/6 पॉक्सो एक्ट में क्रमश: 20 वर्ष, 20 वर्ष, 20 वर्ष, दो वर्ष, 20 वर्ष, 20 वर्ष एवं 500-500 अर्थदण्ड तथा व्यतिक्रम में प्रत्येक में एक-एक माह के सश्रम कारवास से दण्डित किया है। साथ ही पीडिता के माता-पिता को दो लाख रुपए प्रतिकर एवं सहायता राशि प्रदान करने हेतु आदेशित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार मिश्रा के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता ने 19 मार्च 2023 को थाना बहोडापुर में लिखित आवेदन पेश किया कि उसकी उम्र 16 वर्ष की होकर कक्षा 9वीं में पढती है। अभियुक्त उसके रिश्ते में जीजा लगता है। अभियुक्त का उनके घर आना जाना था। 6 माह पहले अभियुक्त उसके घर पर आते थे तो यह जीजा होने के रिश्ते से उससे सामान्य हंसी मजाक करते थे किंतु धीरे-धीरे अभियुक्त ने उसके साथ अश्लील हरकत करना शुरू कर दिया था। जब घर पर कोई नहीं होता था तो वह उसके घर पर आ जाते थे और उससे अश्लील बाते करने लगते थे, अभियुक्त उससे बोलते थे कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और तुम यह बात किसी को मत बताना वरना वह तुम्हारे भाई को जान से खत्म कर देगा फिर अभियुक्त ने उसे जबरदस्ती धमका कर एक मोबाईल फोन दिया था और उसे धमकाया था कि बात नहीं मानोगी तो तुम्हारे भईया को जान से खत्म कर देगा। 20 नवंबर 2022 को उसे फोन कर रात करीब 11 बजे अभियुक्त ने उसे गोदाम पर बुलाया वहां पर अभियुक्त ने जबरदस्ती उसके साथ में गलत काम किया और उसे धमकी दी कि तेरे फोटो ले लिए हैं, किसी को कुछ बताया तो इनको वायरल कर दूंगा, फिर वह बहुत डर गई, इसके बाद अभियुक्त ने धमकाकर दो बार गोदाम पर बुलाकर गलत काम किया था। फिर उसने उसके पापा और भाई को सारी बात बताई थी। पीडिता ने शिकायत के आधार पर थाना बहोडापुर में अपराध क्र.213/2023 पंजीबद्ध कर नक्शा मौका बनाया जाकर पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराया जाकर साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया है।