– पहले दिन कटोराताल से लेकर महाराज बाडा तक निकली जन जागरुकता रैली
– आईजी, डीआईजी एवं एसएसपी ने दिखाई हरी झण्डी
– 30 जुलाई तक प्रदेशभर में चलेगा यह अभियान
ग्वालियर, 15 जुलाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणा से प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में मप्र पुलिस ने एक वृहद जन-जागरूकता अभियान ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को ग्वालियर जिले में भी यह अभियान शुरू हुआ। अभियान के पहले दिन जन जागरुकता के लिए साइकिल रैली निकाली गई। पुलिस महानिरीक्षक अरविन्द सक्सेना, पुलिस उप महानिरीक्षक अमित सांघी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कटोराताल पर आयोजित समारोह से हरी झण्डी दिखाकर जागरुकता रथ व रैली को रवाना किया।
‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान 15 से 30 जुलाई तक आयोजित होगा। ग्वालियर जिले में यह अभियान पुलिस द्वारा जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों व समाज की भागीदारी से चलाया जा रहा है। अभियान के पहले दिन कटोराताल से शुरू हुई यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी और जनमानस को नशा मुक्ति का संदेश देते हुए महाराज बाडा पहुंची। मार्ग में स्थानीय निवासियों ने पुष्म वर्षा व फूल मालाओं से रैली में शामिल प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी, अभियान की नोडल अधिकारी एवं एएसपी सुमन गुर्जर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। रैली में सामाजिक संगठनों के सदस्यगण, खिलाडी छात्र-छात्राएं एवं बडी संख्या में स्थानीय नागरिक शामिल हुए। प्रतिभागियों ने साइकिलों पर ‘नशे से दूरी है जरूरी’, ‘सेहत से समझौता नहीं’, ‘नशा छोडो-परिवार जोडो’, ‘जो होगा नशे का आदि उसके जीवन की होगी बर्बादी’ जैसे नारों के साथ जागरुकता फैलाई।
रैली के शुभारंभ पर पुलिस महानिरीक्षक अरविन्द कुमार सक्सेना ने कहा कि नशे के खिलाफ लडाई में समाज की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों, जैसे खेल और स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली की ओर अग्रसर करना इस दिशा में एक प्रभावी कदम है। उन्होंने कहा कि लोगों को नशे से दूर रहकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढाना चाहिए, क्योंकि नशा न केवल अपराधों को जन्म देता है, बल्कि समाज में अस्थिरता भी लाता है। ऐसे में सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह स्वयं नशे से दूर रहें और दूसरों को भी नशे के प्रति जागरूक करें।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य मुख्यत: किशोरों और युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना, उन्हें इस लत से दूर रखना तथा जो लोग पहले से नशे की गिरफ्त में हैं उन्हें उचित परामर्श और सहयोग प्रदान कर पुनर्वास की दिशा में मार्गदर्शन देना है। इस जन-जागरुकता अभियान में विभिन्न शासकीय विभाग, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), धर्माचार्य, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, और ग्राम एवं नगर सुरक्षा समितियां सक्रिय रूप से भाग लेंगी। इनके सहयोग से समाज के हर वर्ग तक संदेश पहुंचाया जाएगा कि नशा केवल व्यक्ति ही नहीं, पूरे समाज को प्रभावित करता है और इससे दूरी रखना नितांत आवश्यक है। यह अभियान स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थलों तथा डिजिटल माध्यमों के जरिए जन-जागृति फैलाने का कार्य करेगा।