– न्यायालय ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
ग्वालियर, 04 जुलाई। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं एकादशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) तरुण सिंह की अदालत ने नाबालिग भाई-बहन के साथ गलत हरकत करने वाले आरोपी मामा शिवा बाथम उम्र 19 वर्ष निवासी रक्षा बिहार कॉलोना ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.64/2023 धारा 377 भादंसं, 376एबी भादसं धारा 3(2)व्ही अजा/जजा अधिनियम 1989 के अधीन आजीवन कारावास एवं 30 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक आशीष राठौर ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि पीडित/ पीडिता की मां रक्षा विहार कॉलोनी में डॉ. संजय उपाध्याय के घर झाडू पोछे का काम करती थी और वहीं अपने बच्चे के साथ उन्हीं के सर्वेन्ट क्वार्टर में रहती थी। 19 फरवरी 2025 को उसकी पुत्री ने बताया कि पिछले 5-6 माह से उनके क्वार्टर के नीचे वाले क्वार्टर में रहेने वाले अभियुक्त शिवा मामा उसे तथा उसके भाई को चॉकलेट का रैपर दिखाकर अपने कमरे में बुलाता है और उन्हें कमरे में ले जाकर दरवाजे की कुंदी बंद कर देता है और उसके तथा भाई के साथ गलत हरकत करता है। अभियोक्त्री ने अपनी मां को यह भी बताया कि शिवा ने उसके साथ ऐसी घटना तीन बार तथा बालक के साथ पांच बार कारित कर चुका है। अभियोक्त्री की मां ने उक्त घटना की जानकारी अपने पति को 22 फरवरी 2023 को दी। बदनामी के कारण थाने पर शिकायत नहीं की और फिर 6 मार्च 2023 को आवेदन पत्र प्रदर्श पी-5 थाना विश्वविद्यालय में प्रस्तुत कर उक्त घटना की एफआईआर दर्ज कराई। थाना विश्वविद्यालय के अपराध क्र.79/2023 अंतर्गत धारा तारा 376 (2) (एन), 376एवी, 377 भादंसं, धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालको का सरंक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(2)(व्ही), 3(1)(डब्ल्यू)(आई) अजा एवं जजा अधिनियम 1989 के अधीन आरोपी शिवा बाथम के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना समय सीमा में पूर्ण नहीं की गई, जिससे अभियुक्त को डिफॉल्ट बैल का लाभ मिला। तदुपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। प्रकरण में पीडिता द्वारा न्यायालय में मुख्य परीक्षण के दौरान अभियोजन के पक्ष में कथन दिए। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया है।