भिण्ड, 24 अप्रैल। सहकारी संस्था दबोह के अंतर्गत नगर में किसानों की गेंहू की फसल खरीदने के लिए एक भी उपार्जन केन्द्र नहीं खोला गया है, जिससे किसान को अपनी फसल बेचने के लिए काफी परेशान होना पड रहा है। जबकि पिछले वर्ष दबोह क्षेत्र के किसानों के लिए दबोह नगर में दो जगह उपार्जन केन्द्र खोले गए थे, जिसके चलते किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दर-दर नहीं भटकना पडता था। लेकिन इस साल दबोह में किसानों के लिए एक भी उपार्जन केन्द्र नहीं खोला गया है।
सोसाइटी सूत्रों की मानें तो दबोह सेवा सहकारी संस्था के अंतर्गत क्षेत्र में 9 सोसाइटी आती हैं। जिन पर किसान अपनी फसलों कि तुलाई की जाती थी, जिससे उनको सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर फसलों का मूल्य मिल जाता था। पूर्व में दबोह, गोरा, आरुषि, मुरावली, आलमपुर में उपार्जन केन्द्र चलाए गए हैं, जहां क्षेत्र के किसान अपनी फसल को आसानी से बेच लिया करते थे।
इस बार नगर में एक भी गेंहू उपार्जन केन्द्र न होने की बजह से किसान अपनी फसल को व्यापारियों की दुकानों पर ओने-पोन भाव मे बेचने के लिए विवश होना पड रहा है। वहीं किसानों की फसल को दबोह गल्ला मण्डी में मनमर्जी के भाव से खरीदा जा रहा है। यू कहा जाए कि लहार से लेकर आलमपुर तक सिर्फ एक ही उपार्जन केन्द्र खोला गया है। बता दें कि आलमपुर में भी उपार्जन केन्द्र मिहोना सोसाइटी के अंतर्गत चल रहा है। जब दबोह क्षेत्र में चार चार केन्द्र चलते थे तब भी किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए लाइन में लगना पडता था। अब तो एक ही उपार्जन केन्द्र होने के चलते किसानों की परेशानी को समझा जा सकता है। जहां प्रदेश सरकार किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, वहीं दबोह क्षेत्र में कोई उपार्जन केन्द्र न खुलने से अधिकारियों की मंशा को समझा जा सकता है।