ग्वालियर, 30 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) ग्वालियर तरुण सिंह के न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी देवेन्द्र यादव उम्र 19 वर्ष को धारा-5एल/6 पॉक्सो अधिनियम 2012 के अधीन 20 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
प्रकरण की पैरवी करने वाले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशीष कुमार राठौर एवं नैंसी गोयल ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि 26 मार्च 2022 को अभियोक्त्री अपने घर से गुस्सा होकर कंपू चली गई थी, जहां उसे हरि यादव नाम का व्यक्ति मिला जिसे उसने बताया कि वह अपने घर से गुस्सा होकर आ गई है। हरि यादव ने उससे कहा कि मैं तुम्हें अपनी बहन के घर ले चलता हूं और हरि यादव उसे ग्राम बेहटी चंदेरी में ले गया वहां उसने उसे देवेन्द्र से मिलवाया और देवेन्द्र से विवाह करने के लिए कहा। अभियोक्त्री ने विवाह करने से मना किया लेकिन अभियुक्त हरि व देवेन्द्र की माता राजकुमारी, पिता भरत यादव, भाई राजू उर्फ संजू यादव ने जबरदस्ती उसका विवाह देवेन्द्र से करा दिया और हरि यादव उसे वहीं छोड कर वापस आ गया। अभियोक्त्री वहीं देवेन्द्र के घर में उसके साथ रही और इस दौरान देवेन्द्र ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध भी बनाए। भरत सिंह यादव, राजकुमारी, राजू उर्फ संजू उससे घर का काम कराते थे और उसके साथ मारपीट करते थे तथा उसे घर में बंद रखते थे। 27 जून 2022 को अभियोक्त्री ने चुपके से अपने पिता को फोन करके कहा कि मुझे यहां से ले जाओ यह लोग मुझे यहां से निकलने नहीं दे रहें हैं। 28 जून 2022 को पुलिस एवं अभियोक्त्री के पिता के द्वारा अभियोक्त्री को अभियुक्त भरत यादव के निवासीय मकान स्थित ग्राम बेहटी थाना चंदेरी जिला अशोकनगर से दस्त्याव किया और अभियोक्त्री को वापस ग्वालियर लेकर आए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोजन पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।