प्रोग्रेस-वे अंतर्गत जमीन अधिग्रहण कार्य जल्द पूरा करें : एमडी

कलेक्ट्रेट सभागार में अटल प्रोग्रेस-वे के संबंध में बैठक आयोजित

भिण्ड, 21 अक्टूबर। एमपीआरडीसी के एमडी शशांक मिश्रा ने कलेक्ट्रेट कार्यालय भिण्ड के सभागार में अटल प्रोग्रेस-वे के संबंध में बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे के अंतर्गत शासकीय एवं निजी जमीन अधिग्रहण संबंधी कार्य समय-सीमा के अंतर्गत किया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई ना बरती जाए। बैठक में वर्चुअल रूप से आयुक्त चंबल संभाग आशीष सक्सेना, प्रभारी कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे, मुख्य अभियंता एमपीआरडीसी आशुतोष मिश्रा, प्रोजेक्ट डायरेक्ट दीपक बाली, एनएचएआई के राजेश गुप्ता, एसडीएम भिण्ड-अटेर उदय सिंह सिकरवार, संयुक्त कलेक्टर वरुण अवस्थी के अलावा पीडब्ल्यूडी, पीएचई, वन विभाग, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में एमडी शशांक मिश्रा ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे एक महत्वपूर्ण योजना है इसका काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि शासकीय जमीन अधिग्रहण की गई है, जिसका एनएचएआईओ को समय-सीमा अंतर्गत हैण्डओवर किया जाए। निजी जमीन है, जिसके बदले में दोगुनी मूल्य की शासकीय जमीन उपलब्ध कराई जाना है, जिसके लिए शासकीय जमीन का चिन्हांकन शीघ्र किया जाना सुनिश्चित किया जाए। कार्रवाई समय सीमा पूर्ण की जाकर माह अप्रैल 2022 में टेण्डर की प्रक्रिया की जाकर आगे की कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने कहा कि अटेर क्षेत्र के 26 गांव एवं भिण्ड का एक गांव इस अटल प्रोग्रेस-वे के अन्तर्गत आ रहे है। शासकीय 233.62 हैक्टेयर, 124.72 हैक्टेयर निजी भूमि एवं 177.68 हैक्टेयर वन भूमि इस प्रकार कुल 536.02 हैक्टेयर भूमि अटल प्रोग्रेस वे के लिए अधिग्रहण की जानी है। सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आरआई पटवारी इस कार्य में द्रुतगति जुट जाएं। गांव में 15 नवंबर तक कैम्प आयोजित किए जाएं।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने वर्चुअल रूप से जुड़कर संबंधित अधिकारियों से पूछा कि सभी शासकीय जमीन हैण्डओवर हो चुकी है या नहीं जो जमीन शेष बची है उसको समय-सीमा के अंतर्गत अधिग्रहण संबंधी कार्रवाई की जाए। जिन किसानों को निजी भूमि के बदले दोगुनी राशि की शासकीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी, उसको तत्काल चिन्हांकित किया जाए। जरूरी नहीं है कि जिस गांव का किसान है उसको उसी गांव में शासकीय भूमि उपलब्ध कराई जाए निकट के गांव में भी शासकीय भूमि उपलब्ध है, वहां उसको जमीन उपलब्ध कराई जाए। प्रायवेट जमीन के 31 अक्टूबर तक खसरे के केस लगाए जाएं, प्रकरण को कलेक्टर कोर्ट में दर्ज कराए जाए, गांव में कैम्प लगाकर जमीन अधिग्रहण संबंधी कार्यवाही के लिए अधिकारी, कर्मचारी रात्रि गांव में ही रुककर निपटाएं।