पर्यटकों के लिए आकर्षण है चंबल के बीहड में स्थित अटेर किला

– विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष

भिण्ड, 27 सितम्बर। अटेर किला भारत के ऐतिहासिक किलों में से एक है। यह मध्य प्रदेश राज्य के भिण्ड जिले के विकास खण्ड अटेर में स्थित है। अटेर किला मप्र राज्य में उत्तर प्रदेश की सीमा के करीब स्थित है। यह ग्वालियर शहर से 100 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस किले का निर्माण भदौरिया शासकों बदन सिंह, महासिंह और बखत सिंह ने 1664 से 1668 ईस्वी के बीच करवाया था। भदौरिया शासकों के नाम पर इस क्षेत्र को भदावर के नाम से जाना जाता था। यह किला चंबल नदी के पास चंबल के बीहडों में स्थित है। यह भिण्ड शहर से सिर्फ 35 किमी दूर है। चंबल घडियाल अभयारण्य या चंबल नदी के किनारे घडियाल, डॉल्फिन, पक्षियों को देखने के लिए आने वाले पर्यटक अक्सर इस पहाडी की चोटी पर स्थित किले को देखने जाते हैं।

अटेर किला ग्वालियर शहर से 100 किमी उत्तर-पूर्व में है, इसलिए ग्वालियर हवाई अड्डा इस किले को देखने के लिए सबसे अच्छा उडान संपर्क विकल्प है। ग्वालियर से आगे की यात्रा पर्यटक कैब द्वारा संभव है। रेलवे मार्ग से अटेर किला तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भिण्ड रेलवे स्टेशन है और आगे की यात्रा कैब से कर सकते हैं। अटेर किला को देखने के लिए सडक मार्ग से यात्रा की जा सकती है। अटेर किला चंबल की बीहडों पर बना एक मध्यम आकार का ऐतिहासिक किला है। किले के मुख्य आकर्षण खूनी दरवाजा, बदन सिंह का महल, हथियापौर, राजा का बंगला, रानी का बंगला और बारह खंबा महल हैं। यह भिण्ड शहर के करीब चंबल नदी के किनारे स्थित है। यह क्षेत्र चंबल घडियाल अभयारण्य और पक्षी देखने के लिए लोकप्रिय है। यह किला भदौरिया शासकों का था, इसलिए इस जगह की यात्रा भदौरिया साम्राज्य के युग से जुडी हुई है।