सुदामा चरित्र के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम
भिण्ड, 26 सितम्बर। गणेश महोत्सव के दौरान पुरानी गल्ला मण्डी भिण्ड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सप्तम दिवस सुदामा चरित्र, भगवान श्रीकृष्ण के 16 हजार 108 विवाह की लीला तथा दत्तात्रेयजी के 24 गुरुओं की कथा एवं यदुवंश को श्राप, भगवान श्रीकृष्ण ने सूक्ष्म रूप लेकर भागवत जी में प्रवेश किया। इसलिए भागवतजी स्वयं ठाकुरजी का साक्षात स्वरूप हैं।
वृंदावन से पधारे आचार्य प्रशांत तिवारी ने बताया कि इंसान की निजी आदतें और स्वभाव को जितना संयमित किया जाए प्रगति उतनी ज्यादा होती चलती है। भगवान की भक्ति वह सुरक्षा कवच है जिसे कोई भी बुरी शक्ति भेद नहीं सकती, इसलिए भक्तिमय होकर संसार में रहो। जीव सेवा धर्म के प्रति सदेव तत्पर रहो, प्रभु हर मन की जानते हैं, परमात्मा सबका कल्याण करने में समर्थ हैं। इसलिए भक्ति रस में डूब जाओ और भगवत साक्षात्कार कर अपने जन्म-जन्मांतर के भव सागर से वैतरणी पार तर जाओ।
कथा में व्यासपीठ की आरती कांग्रेस शहर अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा, वरिष्ठ नेता डॉ. हरविलास शर्मा, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह कुशवाह, अधिवक्ता रामदत्त तिवारी, कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष आभा जैन, भाजपा नेत्री सीमा शर्मा, बेबी राठौर, संगीता कौशल ने की।